अमरनाथ यात्रा की तैयारी संपन्न: CRPF की निगरानी-डॉग स्क्वाड भी तैनात: तीन जुलाई से शुरू हो रही श्री अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है। यात्रा को देखते हुए प्रमुख इलाकों में सुरक्षा कड़ी की गई है। सीआरपीएफ ने निगरानी बढ़ा दी है और के-9 तैनात किए गए हैं।
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जम्मू-कश्मीर में तीन जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा से पहले सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनएच-44 पर निगरानी बढ़ा दी है।
जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग हजारों तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण मार्गों में से एक है। जिस पर सीआरपीएफ ने निगरानी बढ़ा दी है। हजारों तीर्थयात्रियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले प्रमुख मार्ग जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अपने कर्मियों के साथ के-9 (कुत्ते) दस्ते तैनात किए हैं।
उधमपुर सेक्टर जैसे संवेदनशील हिस्सों पर विशेष ध्यान देने के साथ राजमार्ग गश्त की जा रही है। बता दें कि तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को 2 जुलाई को शिविर से रवाना किया जाएगा, जबकि यात्रा आधिकारिक तौर पर 3 जुलाई को बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से शुरू होगी।
बैठक में कमिश्नर रमेश कुमार ने बताया कि दो जुलाई को भगवती नगर आधार शिविर से यात्रा का शुभारंभ होगा। बैठक में पुलिस, धार्मिक संगठनों, टैक्सी यूनियनों, व्यापारियों, बाजार व होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के सुझाव लिए गए। कमिश्नर ने कहा कि अमरनाथ यात्रियों को ठहरने, खानपान में कोई परेशानी न हो, इसके लिए पर्याप्त पेयजल, बिजली आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
आधार शिविर में यात्रियों के लिए एसी हॉल, हैंगर, सामुदायिक लंगर सेवा, स्वच्छ मोबाइल शौचालयों की व्यवस्था है। इसके साथ ही कठुआ के लखनपुर से लेकर रामबन के लांबर, बनिहाल तक यात्रा के मार्ग में आने वाले जिलों के ठहरने के केंद्रों पर भी इसी तरह की सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी।
ऑफलाइन पंजीकरण एक जुलाई से शुरू होगा कमिश्नर ने बताया कि ऑनलाइन के बाद एक जुलाई से यात्रियों के लिए ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा दी जा रही है। भगवती नगर यात्रा आधार शिविर में एक दिन पहले ही यात्री पहुंचेंगे, उसके बाद अगले दिन बालटाल, पहलगाम आधार शिविर के लिए रवाना होंगे।
जम्मू, कठुआ, सांबा, उधमपुर और रामबन जिलों में 52 लंगर और 60 आरएफआईडी केंद्र बनाए गए हैं व जम्मू स्थित सरस्वती धाम में एक टोकन केंद्र बनाया गया है। यात्रा को रेलवे के माध्यम से अनुमति नहीं दी जाएगी। सड़क मार्ग से ही सभी यात्री जत्थे रवाना होंगे। पवित्र यात्रा से संबंधित जानकारी कंट्रोल रूम से ली जा सकेगी।