भाजपा के वरिष्ठ व वफादार नेताओं को धकेल दिया मंदीप राणा ने हाशिया पर

भाजपा के वरिष्ठ व वफादार नेताओं को धकेल दिया मंदीप राणा ने हाशिया पर: असीम गोयल ने अंबाला शहर भाजपा पर ऐसे कब्जा कर लिया है जैसे भाजपा हाईकमान ने असीम गोयल के नाम अंबाला भाजपा को पंजीकृत कर दिया है’’

बिना सिफारिशी लोग आज भी धक्के खा रहे हैं

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अंबाला। (ज्योतिकण): जिन भाजपा नेताओं ने अंबाला शहर में भाजपा को चार से अधिक दशकों से सींच रहे हैं और उन नेताओं ने अंबाला शहर में भाजपा को समर्पित होकर तन मन धन से सींचा है। आज वह भाजपा नेता न तो भाजपा के किसी प्रोग्राम में नजर आते हैं न ही अंबाला शहर के पूर्व विधायक असीम गोयल उनको घास डालते हैं न उनका सम्मान करते हैं।

कहां तो उन नेताओं को 2014 में भाजपा की सरकार बनते ही सरकारों में अहम जिम्मेवारियां मिलनी चाहिए थी लेकिन उन भाजपा के दिग्गज नेताओं को असीम गोयल के इशारे पर भाजपा के जिलाध्यक्ष मंदीप राणा ने हाशिया पर धकेल दिया जबकि जिन भाजपा के दिग्गज नेताओं को मंदीप राणा ने अपने आका असीम गोयल के इशारे पर हाशिया पर धकेला है उन्हीं भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ताओं की वजह से मास्टर शिव प्रसाद जैसे जमीनी व ईमानदार नेता तीन बार लगातार अंबाला शहर से विधायक रहे।

यही नहीं इन्हीं कार्यकर्ताओं के दम पर एक मामूली सी भाजपा की कार्यकर्ता वीना छिब्बर अंबाला शहर से विधायक रही लेकिन आज अंबाला शहर भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा और भाजपा पार्टी जिसे मोदी व शाह ने खून पसीने से सींचा है उसे अंबाला शहर के पूर्व विधायक असीम गोयल ने अपनी जेबी पार्टी बना लिया है।

और आज भाजपा के अंबाला जिलाध्यक्ष मंदीप राणा भाजपा प्रदेश नेतृत्व व हाईकमान की नहीं सुनते बल्कि उनका आका असीम गोयल जो कहता है वही मंदीप राणा सुनता है उससे इलावा मंदीप राणा को किसी भाजपा नेता की बात सुनाई नहीं देती यही कारण है कि आज भाजपा के अंबाला शहर के दर्जनों दिग्गज नेता जो आज भी अंबाला शहर की जनता में भाजपा के असली चेहरे वही कहे जाते हैं

जिनमें भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष सुशील अग्रवाल, पूर्व पार्षद गुरदीप वालिया, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजिंदर गुड्डू, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष निर्मल विज, पूर्व पार्षद शिव कुमार पम्मी, पूर्व पार्षद मधु अग्रवाल, पूर्व पार्षद कृपाल सिंह सग्गू, पूर्व पार्षद मीनाक्षी कपूर, पूर्व पार्षद सुरेंद्र गोगू, वीरेंद्र अग्रवाल, मनोनीत पार्षद कृष्ण आनंद, पूर्व पार्षद हरविंद्र सिंह बूंदा, पूर्व पार्षद दर्शना मेहता, पूर्व पार्षद प्रकाश कौर, पूर्व पार्षद कमलेश अग्रवाल, पूर्व पार्षद रतन सिंह भाटिया, पूर्व पार्षद रविंदर पम्मा, पूर्व पार्षद मास्टर गोविंद सिंह सहित विनोद गर्ग, राजिंदर गुजराल, सुभाष हांडा, भारत भूषण गुलाटी, सतपाल जैन, राज वालिया, संत लाल, सुदेश जैन मिट्ठा, उमा शर्मा, पुष्पा गुप्ता, सुरेश बंसल, वीरेंद्र अग्रवाल सहित कई भाजपा नेताओं को असीम गोयल ने हाशिया पर धकेल कर अंबाला में भाजपा को भाजपा नहीं बल्कि असीम गोयल एंड पार्टी बना दिया।

आज भी जो भाजपा के जिलाध्यक्ष मंदीप राणा ने अंबाला में प्रैस कांफ्रेंस की उसमें भाजपा का कोई भी पुराना चेहरा या भाजपा का कोई पुराना जिलाध्यक्ष चाहे वह सुशील अग्रवाल हो या डॉ. संजय शर्मा, जगमोहन लाल कुमार, राजेश बतौरा किसी को भी साथ भाजपा के जिला अध्यक्ष मंदीप राणा ने नहीं बिठाया जबकि भाजपा की प्रैस कांफ्रेंस में मंदीप राणा के साथ पूर्व विधायक असीम गोयल के भाई रितेश अग्रवाल भाजपा के जिलाध्यक्ष से बड़ी कुर्सी पर बैठे नजर आए। भाजपा हाईकमान अगर 2050 तक राज करना चाहती है

तो अंबाला में भाजपा पार्टी की जिम्मेवारी ऐसे कंधों पर डाली जाए जिनका डीएनए भाजपा हो जो भाजपा को अपनी मां समझते हों जबकि असीम गोयल ने अंबाला शहर भाजपा पर ऐसे कब्जा कर लिया है जैसे भाजपा हाईकमान ने असीम गोयल के नाम अंबाला भाजपा को पंजीकृत कर दिया है। यही कारण है कि असीम गोयल के साथ अधिकतर चेहरे वो नजर आते हैं जो कांग्रेस से भाजपा में आए हैं। भाजपा हाईकमान को इस पर गंभीर होना होगा।