कांग्रेस ने बनिया जिलाध्यक्ष बनाकर अंबाला शहर में भाजपा की मुश्किलें बढ़ाई: अंबाला। (ज्योतिकण): कांगे्रस के वरिष्ठ नेता पवन अग्रवाल डिम्पी जिनका बनिया समाज में तो राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर जनाधार है वहीं पवन अग्रवाल डिम्पी का अंबाला जिला में भी बनिया समाज में वर्चस्व है। हर व्यक्ति के दुख सुख में शामिल होने वाले पवन अग्रवाल डिम्पी की गिनती कट्टर कांग्रेसियों में गिनी जाती है जहां पवन अग्रवाल डिम्पी चुनावी राजनीति में 2005 से हैं और पॉश इलाके से 2005 में नगर परिषद के सदस्य चुने गए और 2013 में नगर निगम के सदस्य चुने गए जो चुनाव विधानसभा जैसा था।
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पवन अग्रवाल डिम्पी विनम्र और अंबाला की 36 बिरादरी में प्रभाव रखते हैं पकड़ रखते हैं। यही नहीं 2020 में पवन अग्रवाल की पत्नी मीना पवन अग्रवाल को कांग्रेस पार्टी से मेयर का चुनाव लड़वाया था
और मीना पवन अग्रवाल का मुकाबला पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी शक्ति रानी व भाजपा उम्मीदवार वंदना शर्मा से था लेकिन मीना पवन अग्रवाल ने बिना संगठन के चुनाव लड़ा और एक बार तो शहर में ऐसा माहौल बन गया कि कांग्रेस की जीत तय है और मीना पवन अग्रवाल ने नम्रता से चुनाव लड़ा भले ही वह चुनाव हार गर्इं लेकिन पवन अग्रवाल की दिन रात की मेहनत के चलते अंबाला शहर से भाजपा अपना मेयर नहीं बना पाई और मीना पवन अग्रवाल ने मेयर के चुनाव में 2020 में शानदार प्रदर्शन किया।
कांग्रेस हाईकमान ने जिलाध्यक्ष बनाने में लंबा समय लगा दिया लेकिन पवन अग्रवाल डिम्पी एक कर्मठ कांग्रेस कार्यकर्ता हैं और कांग्रेस हाईकमान ने अंबाला शहर से बनिया वर्ग से आने वाले पवन अग्रवाल को टिकट देकर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं और पवन अग्रवाल ने 72 घंटे में ही भाजपा को घेरने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। फिलहाल अंबाला में चर्चा है कि कांग्रेस आने वाले दिनों में अंबाला में बहुत मजबूत होगी और असीम गोयल की मनमर्जियों पर कांग्रेस वर्कर आने वाले दिनों में अपने

और भाजपा के विकास के ढोंग को बेनकाब करेंगे।