‘‘भाजपा एक ऐसी पार्टी है जिसमें अनुशासन व प्रोटोकॉल मजबूती से चलता है लेकिन असीम गोयल ने 79 निगम कर्मियों को अपने निजी आवास पर बुलाकर पहले तो बुके और अलग अलग स्मृति चिन्ह लिए और फिर निगम कर्मियों को जॉब सिक्योरिटी लेटर दिया’’
‘‘79 कर्मचारियोंय को जॉब सिक्योरिटी प्रदान करने के मौके पर न भाजपा का जिलाध्यक्ष मंदीप राणा था न ही भाजपा के पार्षद थे न भाजपा का कोई मंडल अध्यक्ष था बस असीम गोयल व उसका सगा भाई रितेश गोयल यही भाजपा है
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अंबाला। (ज्योतिकण): हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी भाजपा को मजबूत करने के लिए लगातार चुनावी वायदों को पूरा कर रहे हैं और उन्हीं वायदों के तहत आज अंबाला शहर नगर निगम के 79 कर्मचारियों को 58 वर्ष की आयु तक जॉब सुरक्षा प्रदान की और इसी कड़ी में अंबाला शहर के पूर्व विधायक असीम गोयल ने नगर निगम के 79 कर्मचारियों को अपने प्रेम नगर स्थित निजी आवास पर बुलाकर सिक्योरिटी लेटर दिए जबकि निगम कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी लेटर अंबाला शहर की निर्वाचित मेयर सैलजा सचदेवा को देने चाहिए थे
लेकिन असीम गोयल ने एक बार फिर भाजपा को अंबाला शहर में कमजोर करते हुए निगम की मेयर सैलजा सचदेवा की गैर मौजूदगी में नगर निगम के 79 कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी लेटर देकर भाजपा पार्टी की जड़ों पर जेसीबी चला दी जबकि

लेकिन असीम गोयल ने 79 निगम कर्मियों को अपने निजी आवास पर बुलाकर पहले तो बुके और अलग अलग स्मृति चिन्ह लिए और फिर निगम कर्मियों को जॉब सिक्योरिटी लेटर दिया।
यही नहीं असीम गोयल ने अबकी बार सिर्फमेयर या भाजपा को ही नीचा नहीं दिखाया बल्कि अपने आप को हीरो बनाने के लिए भाजपा की सीनियर डिप्टी मेयर मीना ढींगरा व डिप्टी मेयर राजेश मेहता को भी जॉब सिक्योरिटी लेटर देने के लिए नहीं बुलाया जबकि यह समारोह अंबाला शहर नगर निगम में होना चाहिए था लेकिन असीम गोयल आज कल भाजपा की नहीं अपनी डफली बजा रहा है और जो जॉब सिक्योरिटी लेटर दिए हैं वह भाजपा का घोषणापत्र था न कि असीम गोयल का घोषणा पत्र था
असीम गोयल ने तो आज पार्टी को धत्ता बताकर मनमर्जी की और अपने निजी आवास पर निगम कर्मियों को बुलाकर जॉब सिक्योरिटी लेटर दिए और मीडिया में अपनी वाहवाही लूटी और इस मौके पर न भाजपा का जिलाध्यक्ष मंदीप राणा था न ही भाजपा के पार्षद थे न भाजपा का कोई मंडल अध्यक्ष था
बस असीम गोयल व उसका सगा भाई रितेश गोयल यही भाजपा है और इन दोनों ने ही 79 निगम कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी पत्र दिए और खास बात यह है कि निगम कमिश्नर या स्थानीय निकाय विभाग का कोई भी अधिकारी असीम गोयल के निवास पर नहीं बुलाया गया। और जो सैलजा सचदेवा को जो भाजपा की मेयर है उसको नीचा दिखाने की बहुत बड़ी साजिश असीम गोयल ने रची और मुख्यमंत्री नायब सैनी की छवि भी असीम गोयल ने खराब की है।