अनिल विज ने भूमाफियों व विरोधियों और कामचोर अधिकारियों को दी चेतावनी

अनिल विज ने भूमाफियों व विरोधियों और कामचोर अधिकारियों को दी चेतावनी: तूफानों से खेलता हूं मैं, मैं खुद भी एक तूफान हूं, मुझसे टकराने वालों के अंत का पैगाम हूं

कैप्टन अभिमन्यु की माता को श्रद्धांजलि देने पहुंचे लॉयर वासु रंजन शांडिल्य

‘‘अनिल विज को खत्म करने व मारने की साजिशें तो 1990 से चल रही है लेकिन अनिल विज का पांव आज भी अंबाला छावनी में अंगद के पांव की तरह है’’

‘‘अगर अनिल विज को छुट भइया नेता व कल के पैदा हुए गुंडे और दबाव में काम करने वाले अधिकारी डराने की कोशिश करेंगे या उनके काम में अडंगा डालेंगे तो ऐसे लोगों के लिए अनिल विज के तस्कर में ब्रम्हअस्त्र भी मौजूद हैं’’

‘‘अगर कोई न समझे या न संभले तो फिर उनके अंत का अनिल विज पैगाम हैं’’

‘‘अनिल विज में नम्रता भगवान राम जैसी है लेकिन जब रावणों का अंत करना हो तो उनके पास शिक्षा व अस्त्र शस्त्र भी भगवान राम जैसी है। इसलिए अंबाला छावनी के चंद शरारती तत्व मिट्टी में मिलने से पहले बाज आ जाए’’

अंबाला। (ज्योतिकण): हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री एवं हरियाणा के लगातार तीसरी बार कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने आज अपने ही अंदाज में टी प्वाइंट पर भूमाफियों, विरोधियों व कामचोर अधिकारियों को दो टूक संदेश में चेतावनी दी कि बाज आ जाओ अन्यथा ‘‘तूफानों से खेलता हूं मैं, मैं खुद भी एक तूफान हूं, मुझसे टकराने वालों के अंत का पैगाम हूं’’। अनिल विज ने यह संदेश बहुत गहराई से उन तक पहुंचाने की कोशिश की जो अनिल विज के खिलाफ साजिशें रचते हैं और अनिल विज को कमजोर क

रने की साजिश रचते हैं यही नहीं अनिल विज को चुनावों में मरवाने तक की साजिश रच चुकने वाले अधिकारियों के लिए भी यह अनिल विज का शेयर नहीं बल्कि कड़ा रूख है ऐसे अधिकारियों, भूमाफियों व विरोधियों को समझ जाना चाहिए कि अनिल विज आग है उससे खेलोगे तो जल जाओगे। अनिल विज को खत्म करने व मारने के लिए पहली बार साजिशें नहीं हुई यह दौर तो 1990 से चल रहा है लेकिन अनिल विज का पांव आज भी अंबाला छावनी में अंगद के पांव की तरह है।

अनिल विज राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल नर सेवा नारायण सेवा की सोच पर करते हैं लेकिन अगर उन्हें छुट भइया नेता व कल के पैदा हुए गुंडे और दबाव में काम करने वाले अधिकारी डराने की कोशिश करेंगे या उनके काम में अडंगा डालेंगे तो ऐसे लोगों के लिए अनिल विज के तस्कर में ब्रम्हअस्त्र भी मौजूद हैं और अनिल विज सीधे हमला नहीं करते वह मौका देते हैं संभलने का लेकिन अगर कोई न समझे या न संभले तो फिर उनके अंत का अनिल विज पैगाम हैं।

अनिल विज अंबाला छावनी में गुंडागर्दी करने वाला कोई भी व्यक्ति हो गुंडा हो बदमाश हो अधिकारी हो, भूमाफिया हो अनिल विज की नजरों में आने के बाद वह न घर का रहता है न घाट का इसलिए अनिल विज में नम्रता भगवान राम जैसी है लेकिन जब रावणों का अंत करना हो तो उनके पास शिक्षा व अस्त्र शस्त्र भी भगवान राम जैसी है। इसलिए अंबाला छावनी के चंद शरारती तत्व मिट्टी में मिलने से पहले बाज आ जाए।