देश की अदालतों में मातृभाषा हिन्दी में याचिका दायर करने का कानून बने

देश की अदालतों में मातृभाषा हिन्दी में याचिका दायर करने का कानून बने: एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि 140 करोड़ की आबादी में सिर्फलाखों लोगों को ही अंग्रेजी समझ आती है इसलिए अदालतों में हिन्दी में अपनी बात रखने का कानून बनें, देश के कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को देंगे ज्ञापन

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‘‘वीरेश शांडिल्य ने कहा कि हिन्दी भाषा को देश के हर राज्य में पढ़ाने को लेकर मुहिम छेड़ेगें ताकि पूरे देश के राज्यों में राष्ट्रभाषा का ज्ञान हो तब देश अखंड भारत बनेगा’’

अंबाला। (ज्योतिकण): एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि भारत की मातृभाषा हिन्दी है इसलिए देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट सहित देश के तमाम उच्च न्यायालयों में हिन्दी में याचिका दायर करने और हिन्दी में बहस करने को लेकर कानून बने इसको लेकर एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया देश के कानून मंत्री मेघवाल को ज्ञापन देंगे और हरियाणा पंजाब के राज्यपाल के माध्यम से देश के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन देंगे।

वीरेश शांडिल्य आज पत्रकारों से बात कर रहे थे उन्होंने कहा कि जिस देश में 140 करोड़ की आबादी है और मात्र कुछ लाख लोग अंग्रेजी पढ़नी व लिखनी जानते हैं ऐसे में 130 करोड़ भारतवासियों पर अंग्रेजी क्यों थोपी जाती है। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट व देश के तमाम राज्यों के उच्च न्यायालयों में अंग्रेजी में याचिका दायर की जाती है और अंग्रेजी में ही बहस सुनी जाती है जबकि याचिका दायर करने वाला हिन्दी में बहस नहीं कर सकता जो मातृभाषा का अपमान है

जहां करोड़ों लोग हिन्दी जानते हैं उस भारत की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में हिन्दी में याचिका दायर करने व हिन्दी में बहस करने का प्रावधान हो ताकि आम लोगों को पता चल सके कि उनके वकील ने अदालत के आगे उनके पक्ष में क्या बात रखी जबकि सुप्रीम कोर्ट व देश के हाईकोर्टो में हिन्दी में याचिका दायर करने और हिन्दी में बहस करने का अधिकार भी नहीं है प्रावधान भी नहीं है जो भारत की मातृभाषा हिन्दी से खिलवाड़ है।

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि वह इस बारे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी हिन्दी में ज्ञापन देंगे और राष्ट्रहित में न केवल सुप्रीम कोर्ट व राज्य के उच्च न्यायालयों में बल्कि देश के तमाम सरकारी दफ्तरों व राज्य के सरकारी दफ्तरों में पत्राचार भी हिन्दी में हो तब जाकर यह संदेश जाएगा कि भारत में लोकतंत्र बहाल है।

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया व विश्व हिन्दु तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने कहा कि जितनी भारत की राष्ट्रभाषा मजबूत होगी उतना भारत मजबूत होगा और अगर देश के सुप्रीम कोर्ट में व राज्यों के उच्च न्यायालयों में हिन्दी में याचिका दायर करने का प्रावधान हो जाएगा तो आम आदमी अपनी कानूनी लड़ाई खुद भी लड़ सकता है।

वीरेश शांडिल्य ने कहा कि हिन्दी भाषा को देश के हर राज्य में पढ़ाने को लेकर मुहिम छेड़ेगें ताकि पूरे देश के राज्यों में राष्ट्रभाषा का ज्ञान हो तब देश अखंड भारत बनेगा। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि वह यह नहीं कहते कि प्रदेशिक भाषाएं न पढ़ी जाएं लेकिन राष्ट्रभाषा को देश में पढ़ाना अनिवार्य किया जाए।