हरियाणा में बढ़ रहा है तेजी से अभय सिंह चौटाला के नेतृत्व में इनेलो का ग्राफ

भले ही पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के निधन के बाद भी उनके दोनों बेटे अजय सिंह चौटाला व अभय सिंह चौटाला में दूरियां ज्यों की त्यों रही और इनेलो से अलग हुए अजय सिंह चौटाला व उनके पुत्रों ने जो जजपा बनाई थी उसका ग्राफ विधानसभा चुनाव में खत्म हो गया।

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हालांकि राजनीति में मतदाता कब क्या चमत्कार कर दें, कब राजा को रंक और रंक को राजा बना दें कुछ पता नहीं। हालांकि अभय सिंह चौटाला के बड़े भाई धैर्य से जवाब देते हैं जबकि अजय सिंह चौटाला के दोनों बेटे दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय अपने चाचा अभय सिंह चौटाला को सार्वजनिक जीवन में आड़े हाथों लेते हैं चलो यह तो घर घर की कहानी है।

सौ में से नब्बे परिवार आपस में ही लड़ रहे हैं लेकिन ओम प्रकाश चौटाला के निधन के बाद पगड़ी अभय सिंह चौटाला के सिर पर रखी गई और अभय सिह चौटाला के नेचर में तेजी से बदलाव आया और उन्होंने न केवल हरियाणा में इनेलो का ग्राफ ऊंचा किया। और इनेलो को निरंतर मजबूत कर रहे हैं और अभय सिंह चौटाला आज हरियाणा में एक मजबूत विपक्षी पार्टी की भूमिका निभा रहे हैं।

हालांकि जनता ने कांग्रेस को विपक्ष में बिठाया लेकिन कांग्रेस जनता की मुद्दों की बजाए आपस में लड़ रही है लेकिन अभय सिंह चौटाला न केवल कार्यकर्ता को मजबूत कर रहा है बल्कि जनहित के मुद्दों पर अभय सिंह चौटाला नायब सरकार को आड़े हाथों लेते हैं और अपने पिता के निधन के बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं को यह महसूस नहीं होने दिया कि चौधरी ओम प्रकाश चौटाला उनके बीच नहीं है और उनके निधन के बाद अभय सिंह चौटाला ने इनेलो के परिवार को तेजी से मजबूत किया।