हरियाणा स्थापना दिवस पर DGP ओपी सिंह का सन्देश: डीजीपी ने साइबर सुरक्षा को लेकर भी सावधान किया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट सीखने और जुड़ने का सशक्त माध्यम है, लेकिन आज इसके दायरे में ठग और अपराधी भी सक्रिय हैं। इसलिए बच्चों को स्क्रीन से हटाकर असली दुनिया से जोड़ना जरूरी है।
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हरियाणा के स्थापना दिवस के अवसर पर डीजीपी ओपी सिंह ने प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। पत्र के माध्यम से अपने संदेश में उन्होंने कहा कि सुरक्षा, सहयोग, निष्पक्षता और न्याय हरियाणा पुलिस की मूल प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना ही पुलिस का सबसे बड़ा संकल्प है।
डीजीपी सिंह ने अपने संबोधन में प्रदेश के माता-पिता से विशेष रूप से बच्चों की परवरिश और जिम्मेदारी पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि बच्चे आपके कहे से नहीं, बल्कि आपको देखकर सीखते हैं। इसलिए वे सब न करें जो आप उन्हें करते नहीं देखना चाहते।
उन्होंने कहा कि बच्चों की बातों को ध्यान से सुनें, जो सही है उसकी सराहना करें और जो गलत है उसे अनदेखा करें, क्योंकि ध्यान न मिलने पर बच्चे स्वयं गलत चीजों से दूर हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चों को नई चीजें करने के लिए प्रेरित करें। इस प्रक्रिया में गलतियां होंगी, निराशा भी मिलेगी, लेकिन यही सीखने का असली तरीका है।
उन्होंने कहा कि जीवन का उद्देश्य उन कामों में श्रेष्ठ बनना है जिनमें हम अच्छे हैं। समाज को ऐसे प्रॉब्लम सॉल्वर और वैल्यू क्रिएटर लोगों की जरूरत है, जो व्यवस्था को मजबूत बनाते हैं।
डीजीपी ने साइबर सुरक्षा को लेकर भी सावधान किया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट सीखने और जुड़ने का सशक्त माध्यम है, लेकिन आज इसके दायरे में ठग और अपराधी भी सक्रिय हैं।
इसलिए बच्चों को स्क्रीन से हटाकर असली दुनिया से जोड़ना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चे खेल-कूद, संगीत और सामूहिक गतिविधियों में हिस्सा लें, ताकि उनमें टीमवर्क और आत्मविश्वास विकसित हो।
सिंह ने कहा कि साइबर ठगी से बचने के लिए वही सावधानी बरतें जो आप असल जीवन में बरतते हैं। डरने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि सरकारी संस्थान नियम से काम करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज़ नहीं होती। अगर किसी को शक हो तो तुरंत 1930 या 112 पर फोन करें।
डीजीपी सिंह ने बच्चों को ड्रग्स और गैंगस्टर संस्कृति से बचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि माता-पिता रोज़ बच्चों से इस विषय पर बात करें और समझाएं।
सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सही बात को बिना धैर्य खोए बार-बार कहना ही सबसे बड़ा योगदान है। जैसे एक शाकाहारी परिवार अपनी जीवनशैली से बच्चों को मांसाहार से दूर रखता है, वैसे ही ड्रग्स के खिलाफ़ वैसी ही परंपरा बनानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बच्चों को हमेशा सकारात्मक सोचने के लिए प्रेरित करें। उन्हें यह सोचने के लिए कहें कि आने वाले पांच वर्षों में वे क्या अच्छा कर सकते हैं और उसकी दिशा में लगन से काम करें।
डीजीपी ओपी सिंह ने अंत में कहा कि जीवन में मुश्किलें आती-जाती रहती हैं, लेकिन हौसला बनाए रखना जरूरी है। जैसे आंधी-तूफ़ान से बचाव के लिए खिड़कियां-दरवाजे बंद किए जाते हैं, वैसे ही धैर्य रखकर हर संकट का सामना किया जा सकता है।
डीजीपी ने अपने संदेश का समापन करते हुए उन्होंने कहा कि आप सुरक्षित रहें, यही हमारा लक्ष्य है। जय हिंद, जय हरियाणा।