नायब सैनी सरकार के लिए जी का जंजाल बना वाई पूरण आत्महत्या मामला: अंबाला। (ज्योतिकण): आखिर हरियाणा के मुख्यमंत्री दलित आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या मामले में अपनी छवि खराब होने क्यों दे रहे हैं जबकि मुख्यमंत्री नायब सैनी एलानिया ब्यान दे चुके हैं कि दोषी चाहे जितना मर्जी ताकतवर क्यों न हो बख्शा नहीं जाएगा लेकिन आज 7 दिन बीत जाने के बाद भी एडीजीपी वाई पूरण कुमार का पोस्टमार्टम तक नहीं हुआ
वाई पूरण कुमार को इंसाफ देने में केंद्र सरकार देरी क्यों कर रही है?
अनिल विज एडीजीपी वाई पूरण कुमार को श्रद्धांजलि देने पहुंचे
जिससे पूरे देश में दलित समाज में नहीं आम लोगों में भी नाराजगी बढ़ रही है क्या हरियाणा की नायब सैनी सरकार को हरियाणा के डीजीपी या पूर्व एसपी रोहतक चला रहे हैं? ऐसा क्या है कि एक पुलिस प्रमुख के लिए नायब सैनी न केवल अपनी छवि बल्कि अपनी पूरी कैबिनेट की छवि खराब कर रहे हैं और नायब सैनी सरकार के लिए वाई पूरण कुमार आत्महत्या मामला जी का जंजाल बन चुका है

और न जाने नायब सैनी इस दलित आईपीएस अधिकारी को इंसाफ देने से क्यों पीछे हट रहे हैं? और यह मामला न केवल देश का दलित बल्कि देश की जनता, देश का ब्यूरोक्रेटस यहां तक देश की युवा पीढ़ी भी देख रही है। समय रहते हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को बड़ा फैसला लेना चाहिए। जब यह मुद्दा जनता का मुद्दा बन जाएगा और सरकार पर दबाव आ जाएगा
फिर नायब सैनी सरकार के इंसाफ की कोई कीमत नहीं रहेगी। आज अगर वाई पूरण कुमार की विधवा अमनीत पी कुमार अपने पति के पोस्ट मार्टम व संस्कार करने को लेकर इस बात पर अडिग है कि पहले डीजीपी व एसपी रोहतक को गिरफ्तार करो। यह मांग एक आईएएस अधिकारी कर रही है और आम जन में सरकार का विरोध बढ़ रहा है।
तमाम राजनीतिक पार्टियां यहां तक हरियाणा के संविधान प्रमुख राज्यपाल भी अपनी पत्नि संग कुमार परिवार को सांत्वना देने पहुंचे। अगर कुछ दिन और इसी तरह निकल गए तो पूरे देश में वाई पूरण कुमार को इंसाफ दिलाने को लेकर जन आंदोलन बनने से कोई नहीं रोक सकता।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को यह समझ लेना चाहिए कि राज्य की पौने तीन करोड़ जनता के मुखिया नायब सैनी हैं और हरियाणा की 36 बिरादरी नायब सैनी के बड़े फैसले का इंतजार कर रही है। आखिर कारण क्या है कि नायब सैनी सरकार खुद दलित नेताओं व राजनीतिक पार्टियों को इस आग में घी डालने के लिए मजबूर कर रहे हैं।