क्या अंबाला में करप्शन करना कानूनन वैध है?

क्या अंबाला में करप्शन करना कानूनन वैध है?: अंबाला जहां कमिश्नरी है और अंबाला जहां 1857 की क्रांति की चिंगारी फूटी थी उस अंबाला की वर्तमान हालत अच्छी नहीं है अंबाला जिला के अंबाला शहर की बात करें तो पिछले काफी समय से यह शहर लावारिस बन चुका है।

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दस साल 2005 से 2014 का समय जब विनोद शर्मा अंबाला शहर से विधायक बने तो अंबाला का रूतबा बढ़ा था लोगों की सुनवाई शुरू हुई और अंबाला शहर से राजनीतिक पिछड़ेपन का धब्बा भी धोया गया और सरकारी नौकरियों की भी बाढ़ आई लेकिन 2014 से 2024 दस साल का सफर बहुत दयनीय रहा

जब असीम गोयल जैसा व्यापारी अंबाला शहर का एमएलए बन गया और उसके बाद खूब मनमर्जी शुरू हुई जो कुछ असीम गोयल व उसका भाई रितेश गोयल व उसके परिवार के लोगों ने या असीम गोयल के पार्टनरों ने जो चाहा वो हुआ लेकिन अंबाला शहर फिर पीछे चला गया जितनी मेहनत 2005 से 2014 तक विनोद शर्मा ने की उस पर असीम गोयल व उसके रिश्तेदारों ने पानी फेर दिया और अंबाला के लोगों को यह महसूस हुआ

कि असीम गोयल ने अंबाला का विकास नहीं किया बल्कि अपना, अपने परिवार, अपने रिश्तेदार व अपने गुर्गों का विकास किया और 2024 के चुनावों में अंबाला की जनता ने लोकतंत्र का बड़ा फैसला दिया और असीम गोयल को चुनाव हरा दिया और निर्मल सिंह विधायक बने लेकिन निर्मल सिंह एमएलए तो जरूर बने लेकिन सरकार कांग्रेस की नहीं बनी जिससे फिर अंबाला शहर का बुरा समय आ गया और असीम गोयल हारने के बाद भी अंबाला शहर में मनमर्जी करने लग गए।

आज अंबाला शहर के हालात यह हो चुके हैं जैसे अंबाला में करप्शन वैध है और यही कारण है कि अंबाला के प्रशासनिक अधिकारी मनमर्जी कर रहे हैं। अंबाला में भूमाफियों का राज है गरीब पिस रहा है और अमीर की जेब में प्रशासन बैठा है।