मुख्यमंत्री नायब सैनी की गरिमा को खंडित किया जा रहा है अंबाला में

मुख्यमंत्री नायब सैनी की गरिमा को खंडित किया जा रहा है अंबाला में: भले ही नायब सैनी दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री हैं लेकिन वह सबसे पहले अंबाला जिला के निवासी हैं उनका पैतृक गांव अंबाला जिला का मिर्जापुर है और 2014 में उनकी राजनीतिक आगाज अंबाला जिला से ही नारायणगढ़ क्षेत्र से उदय हुआ था

वह पहली बार 2014 में नारायणगढ़ से भाजपा विधायक बने थे और उसके बाद मनोहर सरकार में मंत्री रहे भले ही नायब सैनी उसके बाद कुरूक्षेत्र के सांसद बने फिर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बने और इसी बीच मार्च 2024 में उन्हें मनोहर लाल खट्टर की जगह प्रदेश का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया

CM के बराबर में नहीं लगानी चाहिए थी आयोजकों को असीम गोयल की फोटो

SHO बलदेव नगर किसी महिला को गैर कानूनी ढंग से दिल्ली से उठाकर लाए

वह करनाल से मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफा देने के बाद विधानसभा से चुनाव लड़े और चुनाव जीते भले ही वह करनाल से जीतने के बाद करनाल जिला से सीएम कहलाने लगे लेकिन उनका मूल जिला अंबाला ही है और आज भी उनकी पत्नी सुमन सैनी नारायणगढ़ में ही सक्रिय है और उन्होंने हरियाली तीज पर नारायणगढ़ में कोथली भी भेजी और वर्तमान में वह कुरूक्षेत्र जिला के विधायक हैं और सीएम सिटी कुरूक्षेत्र है लेकिन उनकी जन्मस्थली व राजनीतिक स्थली अंबाला है वह अंबाला के भाजपा जिलाध्यक्ष रहे फिर नारायणगढ़ से विधायक बने लेकिन दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद टीम असीम व पूर्व मंत्री असीम गोयल उनकी छवि आम जनमानस में खराब कर रहे हैं

इसकी खुफिया रिपोर्ट मुख्यमंत्री नायब सैनी को अपने खुफिया तंत्र से लेनी चाहिए। नायब सैनी अंबाला जिला में सबके है क्योकि उनका पैतृक जिला अंबाला है और नायब सैनी की नम्रता और अपनापन उसको लेकर यहां तक पहुंचा ऐसे में नायब सैनी को अपने पद की गरिमा को बचाकर रखना होगा और अंबाला जिला में सांझा बाजा बजाना चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति यह दावा न कर सके कि वह मुख्यमंत्री नायब सैनी का खास है। भगवान ने नायब सैनी को वहां बिठा दिया जहां पहुंचने के लिए पता नहीं कितने संघर्ष करने पड़ते हैं और असीम गोयल व टीम असीम मुख्यमंत्री की छवि को अंबाला में खंडित कर रही है।