नायब सैनी ऐसे थाना प्रभारियों को हटाएं जो कानून को ठेंगे पर रखते हैं

नायब सैनी ऐसे थाना प्रभारियों को हटाएं जो कानून को ठेंगे पर रखते हैं: खाकी पहनने वाली पुलिस समझ लें कि खाकी वर्दी नहीं शेर की खाल है इसे पहनने वाले के आगे बड़े बड़े अपराधी खौफ खाते हैं’’

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अंबाला। (ज्योतिकण): जब बाढ़ ही खेत को खाएगी, जब रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे फिर समाज, राज्य व देश का भला कौन करेगा? जिनके कंधो पर अपने शहर, राज्य व देश की सुरक्षा का जिम्मा है यदि वही खाकी पहनकर कानून की धज्जियां उड़ाएंगे, संविधान को ठेंगे पर रखेंगे और किसी को मरने के लिए छोड़ देंगे क्या ऐसे अधिकारी माफी के योग्य हो सकते हैं?

यह एक गंभीर चिंता का विषय है और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी जिनके पास गृह मंत्रालय है और इसके साथ ही हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर सहित अंबाला रेंज के आईजी पंकज नैन व एसपी अजीत सिंह शेखावत को अंबाला में ऐसे खाकी पहने अधिकारियों को चिन्हित करना होगा जो संविधान व कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं और उनके लिए मानव जीवन की कोई कीमत नहीं है और ऐसा करने वाले अधिकारी संविधान कानून व देश के वफादार नहीं हो सकते

इसलिए थानों में ऐसे अधिकारी तैनात किए जाएं जो अपने क्षेत्र में समाज के हर व्यक्ति की सुरक्षा करें और अपराध व अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाए और नशा तस्करों का ईलाज करें क्योंकि नशा तस्कर हमारे समाज में युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहे हैं और खाकी पहनने वाली पुलिस समझ लें कि खाकी वर्दी नहीं शेर की खाल है इसे पहनने वाले के आगे बड़े बड़े अपराधी खौफ खाते हैं

इसलिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी हरियाणा के डीजीपी सहित प्रदेश के तमाम पुलिस महानिरीक्षकों व पुलिस आयुक्तों को आदेश दें कि जो थाना प्रभारी जनता के हितों की रक्षा सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है जिन्हें संविधान व कानून का सम्मान करना नहीं आता उन्हें पब्लिक डीलिंग से हटा दिया जाए क्योंकि पुलिस विभाग में कुछ काली भेड़ों ने ही पूरी खाकी को बदनाम किया हुआ है।

सभी पुलिस अधिकारी व कर्मी न तो भ्रष्ट हैं और न ही संविधान व कानून का अपमान करने वाले हैं लेकिन अंबाला जिला सहित हरियाणा में बहुत से थाना प्रभारी सिफारिशी लगे हुए हैं,पैसे के दम पर लगे हुए हैं और यहां तक सब इंस्पेक्टर थाना प्रभारी लगे हुए हैं जो डीजीपी के आदेशों की उल्लंघना है।

खाकी पहनकर संविधान की शपथ लेने वाले यदि संविधान का सम्मान नहीं करेंगे तो उन्हें आम जनता की हिफाजत से क्या लेना इसलिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी जो हरियाणा के गृह मंत्री भी हैं उन्हें गंभीर आदेश देने चाहिए और हरियाणा में थाना प्रभारियों को नियुक्त करने से पहले उनकी कौंसलिंग होनी चाहिए और एक थाना प्रभारी एक साल से ज्यादा किसी भी थाने में तैनात न रहे और थाना प्रभारियों की नियुक्ति सिफारिशी न होकर मैरिट पर हो क्योंकि डीजीपी सहित अपने तमाम उच्च अधिकारियों के आदेशों को जमीनी स्तर पर थाना प्रभारियों ने लागू करना होता है लेकिन आज हरियाणा के थानों में बहुत से थाना प्रभारी ऐसे लग चुके हैं

जो अपनी जेबें गरम करने में लगे हैं जिस कारण अपराध कम नहीं होता और ऐसे पुलिस अधिकारियों के कारण सरकार बदनाम होती है इसलिए मुख्यमंत्री नायब सैनी को पुलिस विभाग में पारदर्शिता लानी होगी और थानों में ऐसे प्रभारी लगाए जाएं जिनका रैंक इंस्पेक्टर हो और उनकी नियुक्ति एसपी व रेंज के आईजी को उनकी एसीआर देख कर करनी चाहिए ताकि थाना प्रभारी आम लोगों की हिफाजत करें न कि आम लोगों को मरने के लिए छोड़ दें।