अपने विरोधी से कभी भी डरना नहीं चाहिए

अपने विरोधी से कभी भी डरना नहीं चाहिए: 5 दशक पहले गीत लिखा गया था ‘‘कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना छोड़ों बेकार की बाते कहीं बीत न जाए रैना’’। अर्थात विरोध करने वाले आपकी चुगली करने वाले, आपकी निंदा करने वाले लोग तब तक आपके पीछे रहेंगे जब तक आप जीवित हैं और एक बात समझ लेनी चाहिए कि विरोध उसी व्यक्ति का होता है

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जिसकी समाज में पहचान, पकड़, ताकत होती है जो आसमान की बुलंदियों को छू रहा होता है क्योंकि हमारा समाज ऐसा ही बना है उन्हें अपने दुखों से कोई मतलब नहीं लेकिन दूसरा सुखी क्यों है उसका नुकसान कैसे किया जा सकता है उसे आगे बढ़ने से कैसे रोका जा सकता है।

ऐसे लोगों की जरूरत है क्योंकि ऐसे लोग आपको संभल कर चलने की प्रेरणा देते हैं क्योंकि जब आप आगे बढ़ रहे होते हैं उस वक्त आपको कमजोर करने की, बदनाम करने की साजिशें रची जाती हैं लेकिन हमें अपना आचरण साफ रखना चाहिए, बेदाग रखना चाहिए किसी का अच्छा करो या न करो, किसी का बुरा करने की नहीं सोचना चाहिए खास कर उन लोगों से परेशान नहीं होना चाहिए जो आपको बदनाम करने के लिए हर तरह के हथकंडे षड़यंत्र अपनाते हैं यह लोग आपको आगे बढ़ने में सहयोग करते हैं

बड़ा प्यारा शायर ने शेयर लिखा है इस पर ‘‘ऐ उकाब तू तूंद हवाओं से न डर ये चलती हैं तूझे ऊंचा उड़ाने के लिए’’ अर्थात उकाब बाज को कहते हैं और तूंद हवा तेज हवा को कहते हैं जितनी हवा तेज चलेगी बाज उतना ऊंचा उड़ेगा इसलिए हमें अपना कर्म करना चाहिए।

हां अपने दिमाग में यह बात हमेशा रखना चाहिए कि विरोध आपका तभी हो रहा है जब आप ऊंचाई छू रहे हैं और जो व्यक्ति आगे बढ़ रहा है उसे कभी उसके विरोधी रोकने की कोशिश करते हैं कभी उसके निंदक लेकिन हमें इन सब की परवाह किए बिना मस्त हाथियों की तरह चलते रहना चाहिए क्योंकि पुरानी कहावत है कि कुत्तों के भौंकने से हाथियों के काफिले नहीं रूका करते हैं।