चंडीगढ़। (ज्योतिकण): गत 26 जून 2025 को हरियाणा कैबिनेट की सम्पन्न हुई बैठक में लिए गए अनेक फैसलों में एक निर्णय प्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्यों अर्थात विधायकों को मिलने वाले विशेष यात्रा भत्ता से सम्बंधित भी है जिससे राज्य के कई पूर्व विधायकों की पेंशन राशि में बढ़ोतरी होगी।
अनिल विज ने भूमाफियों व विरोधियों और कामचोर अधिकारियों को दी चेतावनी
इसमें अम्बाला शहर विधानसभा सीट से लगातार दो बार अर्थात अक्टूबर, 2014 से अक्टूबर,2024 तक भाजपा से निर्वाचित होकर विधायक रह चुके असीम गोयल नन्योला भी शामिल हैं जो हालांकि अपना तीसरा चुनाव गत वर्ष अक्टूबर, 2024 में कांग्रेस के चौधरी निर्मल सिंह मोहड़ा से 11 हजार से अधिक वोटों से अंतर से हार गए थे।
शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और विधायी मामलों के जानकार हेमंत कुमार ने बताया कि हरियाणा विधानसभा से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर बताया कि बेशक असीम गोयल गत वर्ष छ: महीने के लिए अर्थात मार्च,2024 से अक्टूबर, 2024 तक तत्कालीन नायब सैनी सरकार में परिवहन और महिला एवं बाल विकास विभाग में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे थे, परन्तु उसके एवज में उन्हें कोई पेंशन प्राप्त नहीं होती है बल्कि दो बार विधायक रहने के कारण उन्हें आज की तारीख में एक लाख रुपये प्रतिमाह पेंशन मिल रही है।
बहरहाल, हरियाणा कैबिनेट के ताजा फैसले के बाद उन्हें प्रतिमाह तीन हजार रुपये का मासिक पेंशन राशि में लाभ प्राप्त होगा। इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए हेमंत ने बताया कि 1 जनवरी 2016 के बाद हरियाणा में जिस विधायक ने एक या एक से अधिक कार्यकाल पूरा किया है, इसके एवज में उसे हर माह 50 हजार रुपए मूल (बेसिक) पेंशन देने का कानूनी प्रावधान है। एक कार्यकाल से अधिक होने पर प्रतिवर्ष दो हजार रुपये की दर से बेसिक पेंशन राशि में अतिरिक्त वृद्धि की व्यवस्था है।
यही नहीं कि 1 जनवरी 2016 के बाद हरियाणा के हर पूर्व विधायक को उपरोक्त 50 हजार रुपये की बेसिक पेंशन राशि अथवा एक कार्यकाल से ऊपर होने पर निर्धारित होने वाली अतिरिक्त पेंशन राशि पर हर माह उस दर से महंगाई राहत — डियरनेस रिलीफ (डी।आर।) मिलता है जिस दर पर हरियाणा सरकार के पेंशनरों को मिलता है।
केंद्र सरकार की तर्ज पर हरियाणा में भी 1 जनवरी 2025 से उक्त डीआर की दर 55 % है जिससे हरियाणा में हर एक कार्यकाल वाले पूर्व विधायक की पेंशन मौजूदा मासिक 77 हजार 500 रुपए है। यही नहीं पहले अगर किसी विधायक की पेंशन राशि एक लाख रुपये से कम बनती थी, तो उसे प्रतिमाह 10 हजार रुपये विशेष यात्रा भत्ता भी मिलता था। बहरहाल, अब इस ताजा निर्णय में इस एक लाख की सीमा को हटा दिया गया है एवं अब हर पूर्व विधायक को प्रतिमाह 10 हजार रुपए विशेष यात्रा भत्ता प्राप्त होगा बेशक उसकी पेंशन कितनी भी हो।
हेमंत ने बताया कि वर्ष 2014 और 2019 में लगातार दो बार अम्बाला शहर वि।स। से भाजपा के टिकट पर विधायक बने असीम गोयल, उन्हें 50 हजार रुपये पहले कार्यकाल की बेसिक पेंशन के तौर पर और दूसरे कार्यकाल के तौर पर पांच वर्ष के लिए प्रतिवर्ष 2 हजार की दर से कुल 10 हजार रुपये अतिरिक्त पेंशन अर्थात उनकी कुल पेंशन राशि 60 हजार रुपए बनती है, उस पर मोजूदा 55 प्रतिशत की दर से डी।आर। ( डियरनेस रिलीफ – महंगाई राहत) मिलता है जो 33 रुपए बनता है जिससे उनकी पेंशन राशि 93 हजार रुपये है ।
चूँकि यह राशि एक लाख रुपये से कम बनती है, इसलिए आज की तारीख में उन्हें प्रतिमाह सात हजार प्रतिमाह विशेष यात्रा भत्ता मिलता है जिससे उनकी कुल पेंशन बढ़कर एक लाख रुपये प्रतिमाह हो जाती है। बहरहाल, अब ताजा फैसले के बाद असीम गोयल को प्रतिमाह 7 हजार के स्थान पर 10 हजार रुपये विशेष यात्रा भत्ता मिलेगा जिससे उनकी कुल पेंशन राशि तीन हजार रुपये बढ़ जायेगी।
बहरहाल, अगर असीम गोयल को विधायक का चुनाव हारने के बावजूद नायब सैनी सरकार द्वारा हरियाणा के किसी सरकारी बोर्ड या निगम या आयोग आदि का चेयरमैन अथवा मुख्यमंत्री का राजनीतिक सचिव/ सलाहकार आदि बनाया जाता है, तो क्या उन्हें उसके एवज में जो मासिक मानदेय प्राप्त होगा, उससे असीम को प्रतिमाह मिलने वाली पेंशन राशि बंद होगी, इस पर हेमंत ने बताया कि यह इस पर निर्भर करेगा कि उस पद के लिए उन्हें कितना मानदेय प्राप्त होगा।
अगर वह उनकी ताजा पेंशन राशि से अधिक होता है, तो फिर उन्हें पेंशन नहीं मिलेगी हालांकि अगर वह मानदेय उनकी ताजा पेंशन राशि से कम होता है, तो उस परिस्थिति में उन्हें उस मासिक मानदेय के साथ साथ जिनकी वह राशि उनकी मासिक पेंशन से कम होगी, वह शेष राशि हालांकि मासिक पेंशन के तौर पर मिलती रहेगी।