क्यों पूर्व मंत्री असीम गोयल को अपनी ही पार्टी की मेयर सैलजा सचदेवा लगने लगी थ्रेट?

क्यों पूर्व मंत्री असीम गोयल को अपनी ही पार्टी की मेयर सैलजा सचदेवा लगने लगी थ्रेट? जब से सैलजा सचदेवा अंबाला की मेयर बनी है और उन्होंने पदभार ग्रहण किया है और वह लोगों के बीच हैं और निगम में भ्रष्टाचार को जड़मूल से मिटाने की मुहिम छेड़े हुए हैं जो असीम गोयल व टीम असीम को पसंद नहीं है’’

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अंबाला। (ज्योतिकण): नायब सैनी वन सरकार में तकरीबन 6 महीने परिवहन मंत्री रहे असीम गोयल को अपनी ही पार्टी भाजपा की मेयर सैलजा सचेदवा से खतरा क्यों होने लगा है? क्यों असीम गोयल मेयर सैलजा सचदेवा को अपनी राजनीति जीवन के लिए थ्रेट महसूस कर रहा है यही कारण है कि जब से सैलजा सचदेवा भारी बहुमत से भाजपा की मेयर बनी है तब से असीम गोयल सैलजा दंपत्ति को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।

असीम गोयल को शाजपा ऐसे नेता पंसद नहीं जो भाजपा को मजबूत करने के मकसद से काम करते हों  और जो जनता में भाजपा की छवि को मजबूत करते हों ऐसे नेता असीम गोयल को शायद गवारा नहीं है यही कारण है कि 25 मार्च 2025 को जब सैलजा सचदेवा मेयर का पदभार ग्रहण करने गई तो सैलजा सचदेवा को निगम के कमिश्नर सहित किसी भी निगम के बड़े अधिकारी ने रसीव नहीं किया और शहर में यह भी चर्चा है कि आज तक सैलजा सचदेवा को जो दफ्तर नहीं मिल पाया उसका कारण भी असीम गोयल हैं।

मेयर सैलजा सचदेवा व उनके पति समर्पित भाजपा कार्यकर्ता हैं और संघ की मर्यादा को समझते हैं और वही संस्कार सैलजा दपंत्ति में है यही कारण है जब से सैलजा सचदेवा अंबाला की मेयर बनी है और उन्होंने पदभार ग्रहण किया है और वह लोगों के बीच हैं और निगम में भ्रष्टाचार को जड़मूल से मिटाने की मुहिम छेड़े हुए हैं जो असीम गोयल व टीम असीम को पसंद नहीं है और न ही सैलजा सचदेवा व संदीप सचदेवा अन्य भाजपा नेताओं की तरह असीम गोयल की कठपुतली बना।

सैलजा सचेदवा व उनके पति तो 2025 की मानसून में अंबाला को बाढ़मुक्त करने को लेकर दिन रात लगे हुए हैं और निगम में भ्रष्टाचार न हो इसको लेकर मेयर सैलजा सचदेवा व उसके पति संदीप सचदेवा गंभीर हैं

लेकिन पूर्व मंत्री असीम गोयल अंबाला शहर की भाजपा मेयर की जड़ों को काटने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा और मेयर सैलजा सचदेवा व उसके पति संदीप सचदेवा भी असीम गोयल के दबाव में काम नहीं कर रहे और मेयर सैलजा सचदेवा व उसके पति तो यह कहते भी सुने गए कि हमें व्यक्ति पूजा या पद पूजा नहीं सिखाई गई हमें तो पार्टी पूजा सिखाई गई और जनता के प्रतिनिधि होने के नाते नर सेवा नारायण सेवा के सिद्धांत पर काम करना सिखाया है उसी पर सैलजा दंपत्ति चल रहे हैं लेकिन असीम गोयल अपनी ही पार्टी की मेयर को अपने राजनीतिक जीवन के लिए खतरा मान रहे हैं।

अगर 2014 से 2024 के असीम गोयल के राजनीतिक सफर को देखा जाए तो उन्होंने भाजपा की जड़ों को खोखला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और अब असीम गोयल हर तरह से मेयर व उसके पति को नीचा दिखा रहे हैं और इस साजिश में असीम गोयल के साथ टीम असीम की भी बहुत बड़ी भूमिका है।