शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लेख के बाद चुनाव आयोग की आलोचना की। उन्होंने पूछा कि क्या चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए संदेहों को दूर करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा को ठेका दे रखा है। वहीं, राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से हरियाणा और महाराष्ट्र की मतदाता सूची का डेटा साझा करने की सटीक तारीख बताने की अपील की है।
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने सोमवार को चुनाव आयोग की आलोचना की। उन्होंने पूछा कि क्या चुनाव आयोग ने सत्तारूढ़ भाजपा को अपने कामकाज के बारे में विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए संदेहों को दूर करने के लिए अनुबंध दिया है। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग द्वारा हरियाणा और महाराष्ट्र की मतदाता सूची का डेटा साझा करने के फैसले की सराहना की। उन्होंने आयोग से अपील की कि वह डिजिटल और मशीन पठनीय प्रारूप में डेटा सौंपे जाने की सटीक तारीख की घोषणा करे।
नेता राउत की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को एक अखबार में लेख लिखकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मैच फिक्सिंग और धांधली वाले आरोपों का जवाब दिया। राहुल के दावों के जवाब में फडणवीस ने अपने लेख में कहा कि कांग्रेस नेता लगातार लोकतांत्रिक प्रक्रिया और जनादेश का अपमान कर रहे हैं। वहीं, चुनाव आयोग ने भी राहुल गांधी के आरोपों को खारिज किया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि प्रतिकूल फैसले के बाद आयोग को बदनाम करना बिल्कुल बेतुका है।
राउत ने पूछा- क्या EC ने भाजपा को संदेह दूर करने का ठेका दिया है
संजय राउत ने सोमवार को मुंबई में पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से सवाल पूछे हैं, भाजपा से नहीं। सीएम फडणवीस को जवाब क्यों देना चाहिए? उन्होंने कहा कि क्या चुनाव आयोग ने भाजपा को अपने चेहरे से धूल झाड़ने और अपनी कार्यप्रणाली पर संदेह दूर करने का ठेका दे रखा है। उन्होंने कहा कि मुद्दा सिर्फ चुनाव का नहीं है, बल्कि पिछले दस सालों में चुनाव आयोग के आचरण का है।
राउत ने शिवसेना को तोड़ने में मदद करने का लगाया आरोप
राउत ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने जानबूझकर शिवसेना को तोड़ने में मदद की और एनसीपी पार्टी को अजित पवार को सौंप दिया, जबकि इसके संस्थापक शरद पवार अभी जिंदा हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब चुनाव जीतने के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह के दबाव में किया गया। चुनाव आयोग को इन सवालों का भी जवाब देना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग एक पिंजरे में बंद तोता है, जिसने अपनी आत्मा बेच दी है और भाजपा की एक शाखा के रूप में काम कर रहा है।
मतदाता सूची सौंपने के लिए उठाया गया पहला अच्छा कदम: राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में पहले मीडिया रिपोर्ट साझा की, जिसमें जिसमें दावा किया गया था कि चुनाव आयोग ने वर्ष की शुरुआत में दिल्ली हाईकोर्ट को दिए गए आश्वासन के बाद 2009 से 2024 तक हरियाणा और महाराष्ट्र के लिए मतदाता सूची डेटा साझा करने का रास्ता साफ कर दिया है। हालांकि, इस पर चुनाव आयोग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। राहुल गांधी ने लिखा, ‘मतदाता सूची सौंपने के लिए चुनाव आयोग द्वारा उठाया गया पहला अच्छा कदम।’ लोकसभा में विपक्ष के नेता ने पूछा कि क्या चुनाव आयोग बता सकता है कि यह डेटा कब तक डिजिटल और मशीन पठनीय योग्य प्रारूप में दिया जाएगा।
राहुल गांधी के जवाब में चुनाव आयोग ने कहा
पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर राहुल गांधी ने एक लेख लिखा था और चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। इसके जवाब में चुनाव आयोग ने कहा कि वे तभी जवाब देगा, जब राहुल गांधी उन्हें सीधे चिट्ठी लिखेंगे। चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि उसने सभी छह राष्ट्रीय पार्टियों को अलग-अलग बातचीत के लिए बुलाया था। बाकी सभी पार्टियों ने आयोग से मुलाकात की, लेकिन कांग्रेस ने 15 मई को होने वाली अपनी बैठक रद्द कर दी थी। हालांकि, इसके बाद राहुल गांधी ने फिर से चुनाव आयोग पर पलटवार किया और कहा कि टालमटोल करने से इसकी विश्वसनीयता की रक्षा नहीं होगी, सच बोलने से होगी।