‘आप’ सरकार ने बिना अनुमोदन 12,748 कमरों तक बढ़ाई परियोजना, मजदूरों के नाम पर खोले गए थे खच्चर खाते

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), दिल्ली जोनल कार्यालय ने ‘दिल्ली क्लासरूम निर्माण घोटाला’ में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत दिल्ली में 37 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था। इसमें सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। दिल्ली की तत्कालीन आप सरकार ने 2,405 कक्षाओं की प्रारंभिक आवश्यकता के बावजूद, परियोजना का दायरा मनमाने ढंग से 7,180 समकक्ष कक्षाओं तक बढ़ा दिया था। इतना ही नहीं, बाद में उसे उचित मंजूरी या अनुमोदन के बिना 12,748 कमरों तक बढ़ा दिया। इससे लागत में भारी वृद्धि हुई। मजदूरों के नाम पर खच्चर खाते खोले गए थे। ईडी ने ऐसे खातों से जुड़ी 322 बैंक पासबुक बरामद की हैं।

ईडी ने मनीष सिसोदिया (तत्कालीन शिक्षा मंत्री), सत्येंद्र जैन (तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री) और अन्य के खिलाफ 50 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय हेराफेरी से संबंधित भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, जीएनसीटीडी द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग द्वारा 2015 से 2023 के बीच लगभग 12,748 अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की बात कही गई है। प्रारंभिक आवश्यकता 2,405 कक्षाओं की थी, लेकिन परियोजना का दायरा मनमाने ढंग से 7,180 समकक्ष कक्षाओं तक बढ़ा दिया गया। बाद में उचित मंजूरी या अनुमोदन के बिना 12,748 कमरों तक बढ़ा दिया गया। इसके अलावा मेसर्स बब्बर एंड बब्बर एसोसिएट्स द्वारा प्रस्तावित अधिक विस्तृत विनिर्देशों को अनुचित रूप से अपनाया गया। डुप्लिकेट कार्यों का निष्पादन किया गया। प्राथमिकता-I और प्राथमिकता-II चरणों में 49.03% तक की लागत वृद्धि देखी गई।

तलाशी के दौरान, ईडी ने एक निजी ठेकेदार के परिसर से काफी आपत्तिजनक सबूत बरामद किए। जब्त की गई सामग्रियों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार की मूल विभागीय फाइलें, तथा लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों के नाम और पदनाम वाले रबर स्टैम्प शामिल थे। ईडी ने मजदूरों के नाम पर खोले गए खच्चर खातों से जुड़ी 322 बैंक पासबुक भी बरामद कीं, जिनका इस्तेमाल वैध लेनदेन की आड़ में सरकारी धन की हेराफेरी करने के लिए किया गया था।
इसके अलावा, विभिन्न निजी ठेकेदारों और फर्जी संस्थाओं के जाली लेटरहेड, जिनका इस्तेमाल फर्जी खरीद रिकॉर्ड और फर्जी खरीद बिल बनाने के लिए किया गया था, पाए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया। जीएनसीटीडी विभागों को जमा किए गए फर्जी चालान से संबंधित सबूत, जो फुलाए हुए या पूरी तरह से फर्जी दावे दिखाते थे, पाए गए हैं। ईडी ने इन्हें जब्त कर लिया है। तलाशी के दौरान कई डमी फर्म पाई गईं, जिनके पास कोई वास्तविक बुनियादी ढांचा, दस्तावेज या परिचालन वैधता नहीं थी, लेकिन दिखाया गया कि उन्हें अतिरिक्त कक्षाओं से संबंधित निर्माण गतिविधियों के लिए पर्याप्त भुगतान प्राप्त हुआ था। इसके अतिरिक्त, तलाशी के दौरान पर्याप्त मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया। ईडी द्वारा आगे की जांच जारी है।