ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए रेलवे पुराने पुलों को नष्ट करेगा। सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे के बाद रेलवे ने यह निर्देश जारी किए हैं।
इसके तहत अंबाला मंडल ने ऐसे पुलों का आकलन शुरू कर दिया है जो पिछले काफी समय से इस्तेमाल नहीं किए जा रहे। पूरे मंडल स्तर पर अभियांत्रिकी विभाग से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है ताकि समय रहते इन कंडम पुलों को हटाने की कार्रवाई शुरू की जा सके।
50 वर्ष पुराना पुल
ऐसा ही एक पुल अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन के पास भी बना है जोकि लगभग 50 से अधिक वर्ष पुराना है। पहले इस पुल का इस्तेमाल रेलवे स्टेशन पर आए बिना रेलवे कॉलोनी से बस अड्डे की तरफ जाने के लिए किया जाता था लेकिन जैसे-जैसे रेलवे कॉलोनी की तरफ से स्टेशन पर आने के लिए अन्य रास्ते बनते गए तो इस पुल का इस्तेमाल पूरी तरीके से बंद हो गया।
तत्कालीन रेल मंडल प्रबंधक ने कराया था सुधार
अंबाला रेल मंडल के तत्कालीन रेल प्रबंधक मंदीप सिंह भाटिया ने स्टेशन पर अनधिकृत लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए रेल पुल का जीर्णोद्धार करवाया था। बावजूद इसके रेलवे कॉलोनी के निवासियों ने इस पुल से आवागमन में रुचि नहीं दिखाई और उन्होंने स्टेशन से आवागमन जारी रखा। अब इस पुल की हालत खस्ता हो गई है जोकि कभी भी ट्रेन के संचालन में बाधा बन सकता है।
ब्लॉक की तैयारी
प्लेटफार्म एक पर आरएमएस कार्यालय के समक्ष रेल पुल का निर्माण अंबाला-सहारनपुर और दिल्ली की तरफ जाने वाली मुख्य रेल लाइन पर है। इस पुल को हटाने के लिए रेलवे को मशक्कत करनी पड़ेगी। इस कार्य के लिए रेलवे ने ब्लॉक को लेकर भी प्रक्रिया आरंभ की है ताकि पुल को हटाने का कार्य सुरक्षित तरीके से किया जा सके और इस वजह से ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित न हो।
कंडम रेल पुलों को हटाने की प्रक्रिया शुरु की गई है। सहारनपुर में एक पुराने पुल को हटाया गया है। जब अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन के पास बने पुराने रेल पुल को भी हटाया जाएगा। इसके लिए ब्लॉक लेने की प्रक्रिया चल रही है, जिससे कि तय समय में सुरक्षित तरीके से पूरा काय निपटाया जा सके।
नवीन कुमार, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, अंबाला मंडल।