इस्राइल और ईरान की बीच जारी संघर्ष लगातार गहराता जा रहा है। इस्राइल लगातार के ईरान की सेना के शीर्ष नेताओं को निशाना बना रहा है। मंगलवार को इस्राइल ने ईरान के युद्धकालीन चीफ ऑफ स्टाफ अली शादमानी को मार गिराया है।
इस्राइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष में ईरान को भारी नुकसान हुआ है। इस संघर्ष में ईरान ने न सिर्फ अपने देश के शीर्ष सैन्य कमांडरों को खोया है बल्कि कई परमाणु संयत्रों और अहम सैन्य ठिकाने भी ध्वस्त हो गए हैं। इसी बीच मंगलवार को इस्राइली सेना ने ईरान के एक और शीर्ष कमांडर अली शादमानी को भी मार गिराया है। इस्राइल के लगातार हमलों के चलते ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई अकेले पड़ गए हैं।
सैन्य सलाहकार अली शादमानी की मौत
मंगलवार को इस्राइल की सेना (आईडीएफ) ने दावा किया है कि पांच दिनों में दूसरी बार आईडीएफ ने ईरान के युद्धकालीन चीफ ऑफ स्टाफ को मार गिराया है। ईरान के सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और खामनेई के सबसे करीबी सैन्य सलाहकार अली शादमानी सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर मध्य तेहरान में आईएएफ के हमले में मारे गए। शादमानी ईरान की सैन्य आपात कमान के प्रमुख थे। उन्होंने चार दिन पहले ही यह पद संभाला था। उन्हें इस्राइली हमले में मारे गए मेजर जनरल गुलाम अली राशिद की जगह यह जिम्मेदारी दी गई थी। बता दें कि, मेजर जनरल गुलाम अली राशिद की मौत पिछले शुक्रवार को हुई थी।
आंतरिक टीम के कई अहम लोग मारे गए
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई अब पहले से कहीं अधिक अकेले नजर आ रहे हैं। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, इस्राइली हवाई हमलों में खामनेई के कई प्रमुख सैन्य और सुरक्षा सलाहकारों की मौत हो चुकी है, जिससे उनकी आंतरिक सलाहकार टीम में लोगों भारी कमी है, जिसके असर नेतृत्व पर भी देखने को मिल रहा है। इन लोगों के मारे जाने के बाद रणनीतिक गलतियों की आशंका बढ़ गई है।
पिछले शुक्रवार से अब तक कई वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की हत्या कर दी गई है। जिनमें रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (ईरान की प्रतिष्ठित सैन्य इकाई) के कमांडर हुसैन सलामी, बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के प्रमुख और एयरस्पेस चीफ अमीर अली हाजीजादेह, और खुफिया प्रमुख मोहम्मद काजमी शामिल हैं। ये सभी खामनेई के करीब 15-20 लोगों की उस आंतरिक सलाहकार टीम का हिस्सा थे जो समय-समय पर महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए खामनेई के साथ बैठक करते थे।
इस सलाहकार मंडल में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के वरिष्ठ अधिकारी, धार्मिक नेता और राजनेता शामिल होते हैं। इनकी खामनेई तथा ईरानी इस्लामी विचारधारा के प्रति अटूट निष्ठा होती है। खामनेई को जब कोई बड़ा फैसला लेना होता है, तो खामनेई का कार्यालय संबंधित सलाहकारों को तेहरान स्थित उनके परिसर में बुलाता है। ईरानी संविधान के अनुसार खामनेई के पास सेना की सर्वोच्च कमान, युद्ध की घोषणा करने का अधिकार, और वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति या बर्खास्तगी का पूर्ण अधिकार है। हालांकि अंतिम निर्णय उन्हीं का होता है, पर वे अपने सलाहकारों की बातों को ध्यानपूर्वक सुनते हैं और निर्णय से पहले अतिरिक्त जानकारी लेना पसंद करते हैं।
खामनेई को सत्ता बरकरार रखने में हो सकती हैं मुश्किलें
शासन की स्थिरता बनाए रखने के लिए खामनेई ने बार-बार रिवोल्यूशनरी गार्ड्स और उसकी बसीज मिलिशिया को 1999, 2009 और 2022 के राष्ट्रीय प्रदर्शनों को कुचलने के लिए तैनात किया है। हालांकि ये बल अब तक हर विरोध प्रदर्शन को दबाने में सफल रहे हैं, लेकिन वर्षों से चले आ रहे पश्चिमी प्रतिबंधों ने ईरान की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आर्थिक संकट भविष्य में व्यापक जन असंतोष और आंतरिक अस्थिरता का कारण बन सकता है।