मानव चौक का मुख्य नाला विवाद की जड़ बन गया है। इसके कारण तीन विभागों के अधिकारियों की नींद उड़ गई है। नाले का विवाद इतना बड़ गया कि अब अधिकारियों को कोर्ट में जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
दरअसल, मानव चौक पर हर बारिश में जलभराव होता है। इसका मुख्य कारण नाले पर बनी पुलिया की सफाई नहीं होना है। इस बार नगर निगम के मेयर प्रतिनिधि और मनोनीत पार्षद संदीप सचदेवा ने सफाई कराने की मंशा से मौके पर निरीक्षण किया तो वहां नाले पर तीन विभागों की पेच दिखा।
नाले की पुलिया लोक निर्माण विभाग की है, नाले में बीएसएनएल ने अपने तार डाल रखे हैं तो नाला नगर निगम का है। ऐसे में जब तक तीनों विभाग समन्वय के साथ काम नहीं करते तब तक नाले की सफाई कराने में दिक्कत रहेगी। यह समस्या इतनी बड़ी है कि शहर के निवासी अधिवक्ता राजेश शर्मा सहित पांच अधिवक्ताओं ने इस मामले के लिए पब्लिक यूटिलिटी कोर्ट में वाद दायर कर दिया है। इसमें तीनों विभागों को पार्टी बनाया है। इस मामले की 30 जून को कोर्ट में सुनवाई है।
एसोसिएशन ने बीएसएनएल को लिखा था पत्र
अधिवक्ता राजेश शर्मा ने बताया कि इस नाले की पुलिया में बीएसएनएल के कई पाइप हैं। जब तक यह हटाए नहीं जाते तब तक नाले की सफाई नहीं हो सकती। इसके लिए पूर्व में शक्ति नगर रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने बीएसएनएल को पत्र लिखकर अपनी तारों की पाइपों को हटाने की अपील की थी। मगर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके कारण मामले को कोर्ट तक ले जाना पड़ा।
पिछले दो वर्ष से मानव चौक सहित अन्य क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। पिछले साल भी बारिश के कारण शक्ति नगर, मानव चौक, सेक्टर 9 और अन्य क्षेत्र जलमग्न हो गए थे। उसका एक प्रमुख कारण यही पुलिया बनी थी, क्योंकि बारिश के पानी की निकासी ही नहीं हो सकी थी। इसके कारण शहर का पानी लोगों के घरों में घुस गया। इस कारण लोगों के सामने मदद लेने तक की नौबत आ गई थी।