निगम के अधिकारी इधर उधर के आदेशों को न मानें और मेयर का साथ ईमानदारी से दें तो बाढ़ पर निगम की जीत तय

‘‘सैलजा सचदेवा व उसके पार्षद पति संदीप सचदेवा ने साबित कर दिया कि वह अंबाला को बाढ़ मुक्त, गंदगी मुक्त व निगम को भ्रष्टाचार मुक्त करने में वहां खड़े नजर आने लगे हैं जहां से गिनती शुरू होती है’’

(ज्योतिकण): बड़ा प्यारा शेयर है ‘‘तू इधर उधर की बात मत कर यह बता काफिला लूटा क्यूं’’। निगम कमिश्नर ने अंबाला को बाढ़ मुक्त करने के लिए अंबाला शहर निगम में तबादले किए और सैनिटेशन विभाग में फेरबदल किया और संयुक्त आयुक्त पुनीत जांगड़ा की जगह अब दीपक सुरा को बाढ़ से जंग करने के लिए आगे किया गया।

हालांकि इससे पहले भी अंबाला को बाढ़ से बचाने के लिए 50 लाख खर्च किया गया था लेकिन नतीजा जीरो था। यदि निगम के अधिकारी इधर उधर की बात न सुने अपनी हाजरियां कहीं और न लगाएं किसी और नेता को खुश करने व अपने मेयर को नीचा दिखाने की आदत को त्याग दें और मेयर का साथ निगम के तमाम अधिकारी ईमानदारी से दें तो अबकी बार अंबाला शहर की मेयर व निगम की टीम बाढ़ पर काबू पाने की स्थिति में आ सकती है

वैसे तो कुदरत से कोई नहीं लड़ सकता और बरसात आना और रूकना भगवान के हाथ है लेकिन अगर ईमानदारी से निगम के अधिकारी मेयर सेलजा सचदेवा की ताल से ताल मिलकार नालों की सफाई का अभियान छेड़ दें तो इससे बाढ़ का भय कम रहेगा। इसलिए निगम के तमाम अधिकारी अपने कर्म को पूजा मानकर सैलजा सचदेवा व उनके पति संदीप सचदेवा को सुनें व उनकी बात को जनहित में लागू करें। निगम के अधिकारी मेयर को नीचा दिखाने के लिए किसी नेता को खुश करने का काम न करें तो निश्चित तौर पर अंबाला निगम अबकी बार बाढ़ पर काबू पाएगा।

अंबाला शहर में आम जनता में चर्चा है कुछ लोग जिन्हें जनता चुनावो ंमें घर बिठा चुकी है वह नेता मेयर के जनहित के कार्याें से खुश नहीं है और वह चाहते हैं कि उनके समय की तरह अंबाला शहर में फिर बाढ़ आए उनकी सोच पर निगम के अधिकारी न चलें क्योंकि आज सैलजा सचदेवा व उसके पार्षद पति संदीप सचदेवा ने साबित कर दिया कि वह अंबाला को बाढ़ मुक्त, गंदगी मुक्त व निगम को भ्रष्टाचार मुक्त करने में वहां खड़े नजर आने लगे हैं जहां से गिनती शुरू होती है इसलिए निगम किसी और के इशारे पर व किसी को खुश करने के लिए भाजपा व नायब सैनी सरकार को बदनाम न होने दें।