एअर इंडिया विमान दुर्घटना में मृत यात्री के एक रिश्तेदार ने आरोप लगाया था कि यात्री के परिवार से विमान में चढ़ने के लिए इमिग्रेशन अधिकारी को 1000 पाउंड जुर्माना वसूल किया गया। इस मामले में गृह मंत्रालय ने जवाब दिया है।
अहमदाबाद से हादसे का शिकार हुए एअर इंडिया विमान के यात्री से वसूली किए जाने के आरोपों पर गृह मंत्रालय ने जवाब दिया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि यात्री का वीजा खत्म हो गया था। इसलिए शुल्क वसूला गया। हादसे में मृत यात्री के रिश्तेदार ने अहमदाबाद आव्रजन अधिकारियों पर वसूली का आरोप लगाया था।
गृह मंत्रालय ने कहा कि एअर इंडिया विमान दुर्घटना में मृत यात्री के एक रिश्तेदार ने आरोप लगाया था कि यात्री के परिवार से विमान में चढ़ने के लिए इमिग्रेशन अधिकारी को 1000 पाउंड जुर्माना वसूल किया गया। इस मामले की जांच के बाद सामने आया कि यात्री मास्टर रुद्र किशन मोधा ने समय पर वीजा शुल्क और जुर्माना नहीं जमा किया था। इसके लिए उनसे कुल राशि लगभग 91,150 रुपये लिए गए। यात्रियों को निकास परमिट देने में उचित प्रक्रिया का पालन किया गया।
गृह मंत्रालय ने बताया कि यात्री मास्टर रुद्र किशन मोधा ब्रिटिश पासपोर्ट धारक थे। उनकी जन्मतिथि 22 अगस्त 2023 थी। जबकि यूके पासपोर्ट जारी होने की तिथि 10 अप्रैल 2024 थी। इस हिसाब से यात्री रुद्र भारत में अधिक समय यानि एक साल दो महीने और दो दिन रहे। एक वर्ष से अधिक समय के लिए यूके पासपोर्ट वीजा शुल्क 484 डॉलर है। भारतीय रुपयों में यह 484*85 यानि 41,140 रुपये होता है। जबकि 90 दिनों से अधिक के लिए जुर्माना 50,000 रुपये तय है। इसलिए वीजा शुल्क 41,140 रुपये और जुर्माना 50,000 रुपये जोड़कर कुल 91,140 रुपये लिए गए थे। इसके बाद बच्चे का निकास परमिट जारी किया गया था।