अगर आप भी जुटे हैं दिवाली , दशहरे की तयारी में तो पढ़ लें सरकार की नई गाइडलाइन I

ज्योतिकण (ब्यूरो) कोरोना काल में आने वाले दिनों में तमाम फेस्टिवल को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइडलाइन जारी की हैं. इस त्योहारी सीजन से जुड़े त्योहार, मेला, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जुलूस और अन्य कार्यक्रम में भारी भीड़ आती है. इसलिए प्रशासन के स्तर पर इन जरूरतों का पालन करने की सलाह दी जाती है. मंत्रालय ने सभी लोगों से अपने घरों में रहकर त्‍योहारों को मनाने की अपील की I

मूर्ति विसर्जन के लिए पूर्व निर्धारित होंगी जगहें

नए दिशा निर्देशों के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एसओपी जारी की है, जिसके मुताबिक कंटेनमेंट जोन में किसी तरह के कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी. 65 साल से अधिक साल के व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और बच्चे जिनकी उम्र 10 साल से कम है, उन्हें घर पर रहने की सलाह दी गई है. यह एसओपी इवेंट मैनेजर, सेलेब्स और कर्मचारियों पर भी लागू होगा. नवरात्रि के दौरान मूर्ति विसर्जन की जगहें भी पूर्व निर्धारित रहेंगी. इस दौरान भी लोगों की मौजूदगी बेहद कम संख्या में रखी जाएगी. एसओपी में कहा गया है कि जहां तक संभव हो रिकॉर्ड किए गए भक्ति संगीत या गाने बजाए जाएं और गायन समूहों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. भौतिक दूरी के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम स्थलों में सभी स्थानों पर उचित चिह्न होना चाहिए I

कंटेनमेंट जोन में नहीं होंगे धार्मिक कार्यक्रम

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) में कहा है कि कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह की धार्मिक पूजा-पाठ, कार्यक्रम, मेले, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जुलूस और लोगों को एकत्रित होने वाले प्रोग्राम की अनुमति नहीं होगी. धार्मिक स्थानों और नवरात्रि के पंडालों में मूर्तियों को छूने की मनाही होगी. सरकार के दिशानिर्देशों में प्रशासन को फेस्टिव सीजन के दौरान त्यौहारी मौसम में साफ-सफाई, थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजेशन की व्यापक व्यवस्था करने को कहा है ताकि लोग कोविड-19 नियमों का पालन कर सकें I

फेस्टिव कार्यक्रम के दौरान करना होगा इन नियमों का पालन

1- कार्यक्रम स्थल की पहचान कर विस्तृत कार्य योजना तैयार करें ताकि थर्मल स्क्रीनिंग, शारीरिक दूरी के नियम और सैनेटाइजेशन इत्यादि के साथ नियमों का पालन हो सके. 

2- रैली और विसर्जन जुलूस के मामले में लोगों की संख्या निर्धारित सीमा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

3- लंबी दूरी की रैली और जुलूस के लिए एंबुलेंस सेवाएं उपलब्ध होंगी.

4- कई दिनों तक चलने वाले कार्यक्रमों जैसे प्रदर्शनी, मेला, पूजा पंडाल, रामलीला पंडाल में लोगों की अधिकतम संख्या सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय होने चाहिए.

7- वालेंटियर्स को थर्मल स्कैनिंग, फिजिकल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनाकर तैनात किया जाए. 

 

 

 

 

 

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