नीलांबुर में 19 जून को उपचुनाव होना है। चुनाव से पहले यहां वाहन चेकिंग को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस नेताओं की कार की जांच करने पर यूडीएफ ने सवाल उठाए हैं।
केरल में नीलांबुर उपचुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन यूडीएफ के नेताओं के वाहन की जांच को लेकर बवाल हो गया है। विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने कार की जांच को लेकर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस विधायक ने इसे अपमान करार दिया है। जबकि सत्तारूढ़ एलडीएफ ने मुद्दे को बेवजह तूल देने की बात कही है। नीलांबुर में 19 जून को उपचुनाव होना है।
क्या है पूरा मामला
कांग्रेस सांसद शफी परम्बिल और विधायक राहुल ममकूटथिल की कार की पुलिस ने शु्क्रवार रात को जांच के लिए रोका था। पुलिस ने कार की जांच तो दोनों नेता भड़क गए। सांसद और विधायक ने पुलिस से बहस भी की। सांसद परम्बिल ने कहा कि वह, ममकूटथिल और कुछ अन्य लोग खाना खाकर वापस आ रहे थे। तभी पुलिस ने उन्हें वाहन रोकने और बाहर निकलने को कहा।
सांसद ने कहा कि मैंने कार रोकी और बाहर निकल गया। उन्होंने मुझे डिक्की खोलने को कहा और मैंने वैसा ही किया। उन्होंने मुझे सूटकेस और अन्य सामान बाहर निकालने को कहा और मैंने वैसा ही किया। फिर उन्होंने बस इतना कहा कि सब कुछ ठीक है और हम जा सकते हैं। उस समय हमने जोर दिया कि वे सूटकेस की जांच करें और उसका वीडियो रिकॉर्ड करें तथा यदि उसमें कुछ पाया जाता है तो जवाब भी दें। हम समझ गए थे कि जांच के पीछे की मंशा निरीक्षण नहीं, बल्कि हमारा अपमान करना था।
दोनों कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उन्होंने हर तरह से जांच में सहयोग किया, लेकिन जब वाहन से सूटकेस निकालने के बाद अधिकारियों ने उसकी जांच नहीं की तो उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उसे खोलकर जांच की जाए। शनिवार को दोनों नेताओं ने कहा कि हम अपने अपमान से चिंतित हैं। लेकिन हम इसे उपचुनाव के दौरान मुद्दा नहीं बनाना चाहते, इसलिए शिकायत दर्ज नहीं कराना चाहते।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
दोनों नेताओं की पुलिस से बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में दोनों कांग्रेस नेताओं को अधिकारियों से यह पूछते हुए सुना जा सकता है कि क्या उनके पास एक्स-रे नजर है और वे सूटकेस खोलने पर जोर दे रहे हैं। वीडियो में विधायक ममकूटाथिल को अधिकारियों से यह कहते हुए भी देखा गया कि उन्हें उनके कार्य के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।
अनावश्यक विवाद खड़ा कर रही यूडीएफ
मामले को लेकर सीपीआई (एम) ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ अनावश्यक विवाद पैदा कर रही है। वाहन की जांच चुनाव प्रक्रिया के दौरान सामान्य है। सीपीआई (एम) के राज्य सचिव एमवी गोविंदन और नीलांबुर उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार एम स्वराज ने कहा कि सभी को इस तरह के निरीक्षण में सहयोग करना चाहिए। गोविंदन ने दावा किया कि यूडीएफ इस मुद्दे पर अनावश्यक विवाद पैदा कर रहा है, क्योंकि इस तरह के निरीक्षण चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा हैं। हमारे वाहनों की जांच से हमें कोई समस्या नहीं है।
मंत्री, सांसद और विधायकों के वाहनों को छूट नहीं
चुनाव अधिकारियों ने बताया कि सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के वाहनों को जांच से अलग नहीं रखा जा रहा है। शनिवार को सुबह सांसद पीवी अब्दुल वहाब और के राधाकृष्णन के वाहनों की जांच की गई। मलप्पुरम के जिला कलेक्टर वीआर विनोद ने कहा कि वाहनों की व्यापक जांच निगरानी टीमों के कर्तव्य का हिस्सा है। आचार संहिता लागू करने के लिए नीलांबुर विधानसभा क्षेत्र में 10 स्ट्रेटिक निगरानी दल, नौ उड़न दस्ते और दो वीडियो निगरानी दल काम कर रहे हैं।