संतान की लंबी उम्र के लिए कब रखा जाएगा कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी ?

विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता श्रीगणेश जी की पूजा के लिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. गणेश जी के आशीर्वाद से कार्यों में विघ्न बाधा नहीं पड़ती है. बिगड़े काम बन जाते हैं और रूके हुए काम पूरे है जाते हैं. इस साल कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी व्रत कब किया जाएगा. जानें इस दिन व्रत करने वालों को क्या लाभ मिलता है.

कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी 2025 डेट

कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी 14 जून 2025 को है. धार्मिक मत है कि कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत करने से सुख, सौभाग्य, आयु और वंश में वृ्द्धि होती है. साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.  संकष्टी व्रत में चन्द्रोदयव्यापिनी चतुर्थी स्वीकार की जाती है। इस दिन श्री गणेश जी की षोडशोपचार पूजा की जाती है.

कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी 2025 मुहूर्त

  • चतुर्थी तिथि शुरू – 14 जून 2025, दोपहर 3.46

  • चतुर्थी तिथि समाप्त – 15 जून 2025, दोपहर 3.51

  • गणेश जी पूजा मुहूर्त – सुबह 7.08 – सुबह 8.52

  • चंद्रोदय समय – रात 10.07

कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि

  • संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने के लिए प्रात: काल उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनें. इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनना चाहिए.

  • पूर्व या उत्तर की दिशा का तरफ मुख करके बैठें और फिर पूजा शुरू करें.

  • भगवान गणेश को दीप, फूल, कपूर, धूप, रोली, लाल चंदन और मोदक आदि चढ़ाएं. गणेश जी को सूखे सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए. दूर्वा चढ़ाएं और लड्‌डू का भोग लगाएं.

  • इन सबके बाद श्री गणेश जी की आरती कर उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए.

गणेश जी को क्यों कहते हैं कृष्ण पिंगल ?

नारद मुनि ने गणपति जी को कृष्णपिंगाक्ष नाम दिया है.इसका अर्थ है बुरे काम पर हमेशा नजर रखने वाला. भगवान गणेश हमेशा पूरी दुनिया पर नजर रखते है, जिसके कारण इनका नाम ‘कृष्ण पिंगाक्ष’ रखा गया है.