बिक्रम मजीठिया के खिलाफ 20 दिसंबर 2021 को ड्रग मामले में केस दर्ज हुआ था। पांच महीने अंदर रहने के बाद वह 10 अगस्त 2022 को पटियाला जेल से जमानत पर रिहा हुए थे। 18 दिसंबर की पिछली पेशी में मजीठिया से करीब सात घंटे सिट ने पूछताछ की थी।पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया शनिवार को एक बार फिर से एडीजीपी मुखविंदर सिंह छीना की अगुवाई वाली सिट के सामने पटियाला में पेश हुए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि मान सरकार उन्हें झूठे केस में फंसाना चाहती है। इसके लिए पूर्व अकाली नेता उपकार सिंह संधू के साथ धक्केशाही करके उन्हें मुख्य गवाह बनने व उनके खिलाफ झूठा बयान देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। लेकिन उन्हें देश की न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा है कि उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा।
मजीठिया ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश में कहीं भी नहीं लिखा है कि उन्हें ड्रग मामले में सिट के सामने बार-बार पेश होना पड़ेगा। बावजूद इसके भगवंत मान की शह पर उन्हें बार-बार समन भेजकर बुलाया जा रहा है। जिससे साफ है कि यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। लेकिन वह मान से डरने वाले नहीं हैं।
मजीठिया ने कहा कि वह मान को दोबारा चुनौती देते हैं कि अगर उनमें दम है, तो सिट का प्रमुख खुद बनकर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाएं। तब वह मान के साथ दो-दो हाथ करेंगे।
बारादरी में एडीजीपी छीना के दफ्तर में अंदर जाने से पहले मीडिया से मजीठिया ने कहा कि सिट की सारी पूछताछ ऑन कैमरा रहती है। 18 दिसंबर को हुई पेशी में उन्होंने कैमरे के सामने बोला था कि शहीदी सप्ताह चल रहा है, इसलिए गुरसिख होने के नाते 26, 27 व 28 दिसंबर को उनका गुरु के चरणों में रहने का समय होता है। इन दिनों के दौरान वह पेशी पर नहीं आ सकेंगे। बावजूद इसके सीएम भगवंत मान की शह पर शरारत करते हुए पहले उन्हें 27 दिसंबर को सिट के सामने पेश होने के लिए समन जारी कर दिया। समय मांगने के बावजूद उन्हें दोबारा आज फिर बुला लिया गया है। इससे साफ होता है कि सरकार उनके खिलाफ झूठा केस डालने की जल्दबाजी में है।
मजीठिया ने इस मौके सिट प्रमुख एडीजीपी छीना का रिटायरमेंट लैटर दिखाते कहा कि इस समय उन्हें विदायगी पार्टियां करनी थीं, लेकिन एडीजीपी उन्हें समन भेजकर पूछताछ के लिए बुला रहे हैं। पता नहीं एडीजीपी की क्या मजबूरियां हैं। मजीठिया ने तंज कसते कहा कि इसके लिए तो छीना को राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित किया जाना चाहिए। साथ ही कहा कि वह इस संबंध में पंजाब के डीजीपी को पत्र लिखकर सवाल पूछ चुके हैं कि यह किस तरह की न्यायिक प्रणाली है। मान ने हमला बोलते कहा कि जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने पूछताछ से बचने के लिए डर कर भाग रहे हैं। वह वैसे नहीं हैं। वह कानून का पालन करने वालों में से हैं। इसलिए परिवारिक मजबूरियां होने के बावजूद जब भी सिट बुलाती है, वह पूछताछ के लिए आ जाते हैं।
गौरतलब है कि मजीठिया के खिलाफ 20 दिसंबर 2021 को ड्रग मामले में केस दर्ज हुआ था। पांच महीने अंदर रहने के बाद वह 10 अगस्त 2022 को पटियाला जेल से जमानत पर रिहा हुए थे। 18 दिसंबर की पिछली पेशी में मजीठिया से करीब सात घंटे सिट ने पूछताछ की थी। 27 दिसंबर को दोबारा उन्हें सिट ने बलाया था, लेकिन मजीठिया ने जवाबों के संबंधी कागजात इकट्ठा करने को कुछ समय मांगा था।