नए साल की शुरुआत में ही हरियाणा और दिल्ली एनसीआर में रात 1:19 पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। भूकंप विज्ञान के राष्ट्रीय केंद्र की वेबसाइट के अनुसार झज्जर का बेरी भूकंप का केंद्र रहा था। जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.8 रही थी। भूकंप का केंद्र महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट लाइन के पास किया गया था। नए साल का जश्न मना रहे लोग भूकंप के झटके आने पर सहम गए और घरों से बाहर निकल आए थे।
यह है भूकंप का कारण:-
देहरादून से महेंद्रगढ़ तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है। इसमें अनगिनत दरारें हैं। इन दिनों इन दरारों में गतिविधियां चल रही हैं। इसके तहत प्लेट मूवमेंट करती हैं। इसके आपस में हल्की सी टकराने पर ही कंपन पैदा होता है। यह कभी भी कहीं भी हो सकता है। इसी वजह से भूकंप के झटके महसूस होते हैं।
भूकंप रोधी तकनीक से कम ऊंचाई वाले मकान बनाएं:-
ऐसे में क्षेत्र में लोगों को भूकंप रोधी पदार्थ से मकान बनाने चाहिए। लोगों को दो या तीन मंजिल से अधिक ऊंचे मकान नहीं बनाने चाहिए। मकान बनाने से पहले मिट्टी की जांच व भूकंप संबंधी अन्य बातों को जानना जरूरी है। मकान हल्के व मजबूत होने चाहिए।
जोन तीन और चार में आता है रोहतक और झज्जर:-
भूकंपीय जोनिंग मैप के अनुसार रोहतक-झज्जर जोन तीन और जोन चार में आता है। भारत में भूकंप को चार जोन में बांटा गया है। जिसमें जोन दो, तीन, चार और पांच शामिल है। इसको खतरों के हिसाब से आंका जाता है। जोन दो में सबसे कम खतरा और जोन पांच में सबसे अधिक खतरा होता है। मैप में जोन दो को आसमानी रंग, जोन तीन को पीला रंग, जोन चार को संतरी रंग और जोन पांच को लाल रंग दिया गया है। इसमें रोहतक जिले का दिल्ली साइड का क्षेत्र जोन चार व हिसार साइड का क्षेत्र जोन तीन में आता है।