अनिल विज के ये शब्द देश भक्त वाले हैं ‘चला जाता तो तुम्हारी सेवा ना कर पाता’
जो जज्बा हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज का हरियाणा के लोगों को लेकर है जो अनिल विज की सोच हरियाणा के लोगों की सेवा करने की, उन्हें जस्टिस देने की है और कोरोना काल में तो अनिल विज ने हद कर दी जो जान पूरी तरह जोखिम में डालकर हरियाणा के पौने 3 करोड़ लोगों की सेवा की। ऐसा जज्बा आजादी की लड़ाई में शहीदों के पास था। ऐसा जज्बा सिर्फ देश प्रेमियों के पास हो सकता है, राष्टÑ प्रेमियों के पास होता है। अनिल विज की गिनती भी अब भगत, राजगुरु, सुखदेव, आजाद, बिस्मिल, उद्यम सिंह, मदन लाल ढींगरा व लाला लाजपत राय जैसे शूरवीरों जैसी है। वो लड़ाई आजादी की थी और अनिल विज आजाद भारत में भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने, भयमुक्त प्रदेश बनाने, नशामुक्त प्रदेश बनाने और कोई भी हरियाणा का व्यक्ति इलाज के अभाव से ना मर सके ऐसी लड़ाई अकेले लड़ रहे हैं।
कोरोना काल में जो सेवा उनके मंत्रालयों ने की वो सीधे तौर पर लोगों के साथ इन्वाल्व थे। चाहे वो गृह मंत्रालय था, चाहे स्वास्थ्य मंत्रालय था या स्थानीय निकाय। अनिल विज के नेतृत्व में इन तीनों महकमों ने फ्रंट फुट पर लड़ाई लड़ी, शूगर हाई रहने के बाद भी जज्बा एक ही था कि हरियाणा को बचाना है, हरियाणवियों को बचाना है और कोरोना से लड़ते लड़ते खुद कोरोना का शिकार हो गए और मौत के मुंह से बाहर आए एक बार तो पूरे हरियाणा में संदेश चला गया कि अनिल विज नहीं बचेंगे। लेकिन दवा का जो असर तो था ही लेकिन जो पौने 3 करोड़ लोगों ने अनिल विज को दुआएं दी उसकी बदौलत अनिल विज जिंदा शहीद बनकर लौटे। आज भी ऑक्सीजन के पाईप व मशीनें उनके साथ चलती हैं। और जब वह मौत के मुंह से आए तो उनकी ये लाईने ‘तुम्हारी दुआओं की वजह से ही मैं आज जिंदा हूँ। मैं तो इस धरती का छोटा सा परिंदा हूँ। ऊंचा उड़ने की कभी ख्वाहिश नहीं रखी, चला जाता तो तुम्हारी सेवा ना कर पाता यही सोच कर ही मैं शर्मिदा हूँ’।
अनिल विज के यह शब्द एक राजनेता के नहीं बल्कि ऐसा लगता है जैसे शहीद-ए-आजम भगत सिंह की सोच की तरह काम कर रहे हैं अनिल विज। अनिल विज को जिंदा शहीद का खिताब इसलिए हमने दिया कि वो वास्तव में एक राष्ट्रभक्त हैं। पता नहीं इस दुनिया में कितने गृह मंत्री हुए कितने होंगे। लेकिन जो काम बतौर गृह मंत्री अनिल विज ने हरियाणा में कर दिया ना इनके बाद कोई होगा, ना इससे पहले किसी ने किया। भारतीय जनता पार्टी हाईकमान ने बहुत सोचकर अनिल विज को यह जिम्मेवारी दी होगी क्योंकि आमतौर पर गृह मंत्रालय प्रदेश के सीएम खुद रखते हैं लेकिन जिस तरह अनिल विज को हरियाणा में गृह मंत्रालय दिया वह बिना मोदी और अमित शाह की मर्जी के बिना नहीं मिल सकता और अनिल विज ने यह साबित किया कि जो सोच रखकर उनको यह महकमा उनकी पार्टी की सरकार ने दिया वह उसपर 100 प्रतिशत खरे उतरे। अनिल विज जैसे व्यक्ति को एक बार मुख्यमंत्री के रुप में भी प्रदेश की सेवा करने का हाईकमान को मौका देना चाहिए। ऐसा नहीं कि खट्टर सक्षम नहीं लेकिन अगर एक बार भाजपा हाईकमान चिंतन करे और अनिल विज को प्रदेश के मुखिया की कमान दे दे तो हरियाणा से बीजेपी को हिलाना आसान नहीं बल्कि विपक्ष के लिए असम्भव हो जाएगा।