संपादकीय : देश के कानून का सम्मान करते हुए किसान सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करें
वीरेश शांडिल्य की कलम से खर-खरी
आज संविधान की सुरक्षा कवच देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े की खंडपीठ ने जय जवान जय किसान का सम्मान करते हुए और किसानों के हितों और हकों की बात करते हुए, किसानों की सुरक्षा की बात करते हुए, किसान परिवार के बुजुर्गों, किसान परिवार की महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा रक्षा करते हुए केंद्र सरकार द्वारा लाए तीनों कृषि बिल लागू ना हों अंतरिम रोक लगा दी और एक कमेटी गठित कर दी जो सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट देगी इस कमेटी में भारतीय किसान यूनियन से जुड़े लोगों सहित बुद्धिजीवियों व कृषि से संबंधित तमाम पहलुओं का ज्ञान रखने वाले लोगों को शामिल किया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के कृषि बिलों पर रोक लगाकर पूरे विश्व में भारतीय किसान का सम्मान किया बल्कि हिंदुस्तान के इस नारे को, लाल बहादुर के इस नारे जय जवान जय किसान को पूर्णतय: सम्मान दिया। आज देश के किसान के लिए चाहे वह किसी भी जाति का है उसके लिए एक पर्व है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आईना दिखाया और किसानों की बात को मानते हुए कृषि बिलों पर रोक लगना लोकतंत्र व अन्नदाता का सम्मान है जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की खंडपीठ को सर झुकाकर सलाम है। देश की न्यायपालिका ने जब भी देश के संविधान की उल्लंघना की बात हुई तो सुप्रीम कोर्ट आगे आया। 48 दिन से देश के किसानों को केंद्र सरकार नहीं सुन रही थी लेकिन वहीं लोकतंत्र के एक पिल्लर न्यायपालिका है और न्यायपालिका ने किसानों को कृषि कानूनों पर रोक लगाकर यह संदेश दिया कि न्यायपालिका किसानों के साथ चट्टान की तरह है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसानों के मसीहा रहे महिंद्र सिंह टिकैत के बेटे राकेश टिकैत जिन्होंने हमेशा सर धड़ की बाजी लगाकर किसानों की लड़ाई लड़ी। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम रोक के बाद मीडिया को कहा जब तक बिल वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं। यदि सिंधु बार्डर व यूपी व राज्यस्थान बार्डरों पर बैठे किसान व किसान जत्थे बंदिया यदि जय जवान जय किसान का सम्मान करती है यदि देश की न्यायपालिका पर विश्वास करती हैं तो उन्हें तुरंत बार्डर खोल देने चाहिए। किसान यह संदेश दे कि हिंदुस्तान हर नागरिक जो भारतीय तिरंगे से प्यार करता है जो भारतीय संविधान से प्यार करता है, जो कानून से प्यार करता है वो देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट की बात को सर झुकाकर स्वीकार करे। तांकि पूरी दुनिया में यह संदेश जाए कि हिंदुस्तान का हर नागरिक अपने देश के कानून और संविधान पर विश्वास करता है। आज सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे ताकतवर प्रधानमंत्री मोदी के फैसले को रोक लगाकर यह साबित किया कि कानून और संविधान से बड़ा इस देश में कुछ नहीं और किसानों की रक्षा सुरक्षा संविधान के हाथ में है और संविधान का सुरक्षाकवच सुप्रीम कोर्ट है इसलिए किसानों को तुरंत धरना समाप्त कर देना चाहिए।