विज साहब अम्बाला शहर के निगम में भी बहुत सी बैठी हैं काली भेड़ें, करें इलाज
वीरेश शांडिल्य
संपादकीय : हरियाणा के गृह मंत्री जिनके पास लॉकल बॉडी विभाग भी है और स्वास्थ्य मंत्रालय भी है और कोरोना महामारी के दौरान तीनों ही महकमें पहली पंक्तियों में लड़े चाहे पुलिस या डॉक्टर-नर्स या फिर निगम के सफाई कर्मचारी सबने अनिल विज के नेतृत्व में योद्धाओं की तरह लड़ाई लड़ी। अनिल विज ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए ना यह देखते हुए कि वह 70 के हो गए हैं, चाहे उन्हें शुगर है लेकिन वह दिन रात हरियाणा के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए लगे रहे और उन्होंने इसमें जीत भी हासिल की जिसके लिए अनिल विज बधाई के पात्र हैं। वहीं अनिल विज ने गृह मंत्री होते हुए पुलिस में बदलाव किया व कर रहे हैं, पुलिस की छवि को जनता में सुधार रहे हैं उसमें कामयाब भी हुए और हरियाणा पुलिस को देश में एक नम्बर की पहचान देने के लिए अनिल विज एक पैर पर खड़े हैं और अब तो हरियाणा पुलिस का डीजीपी हो या फिर एक पुलिस का सिपाही। अनिल विज को हरियाणा का सरदार पटेल कहने लग गए और माफिया, अपराध, अपराधी अनिल विज के नाम से थर-थर कांपने लग गए अब तो अपराधी, नशा तस्कर यह कहने लग गए हैं कि हरियाणा से बचो भाई अनिल विज गृह मंत्री है फंस गए तो जेल जोगे ही हो जाएंगे। वहीं अनिल विज को अपने दूसरे विभाग लॉकल बॉडी के अधीन आने वाले नगर निगम व नगर पालिकाओं को भी दुरुस्त करना होगा उन्हीं के अम्बाला जिला के नगर निगम में भ्रस्टाचार का व्यापक बोलबाला है।
अम्बाला शहर का नगर निगम बदनाम हो चुका है अम्बाला शहर का नगर निगम अवैध निर्माण करने वालों का अतिथि गृह बन चुका है। गरीब आदमी 5 गज भी छत ले तो पीला पंजा और अमीर आदमी, पंूजीपती एकड़ के एकड़ पर निर्माण कर ले तो बापू के बंदर की तरह अम्बाला शहर के नगर निगम के अधिकारी आंखों पर पट्टी बांध लेते हैं। अम्बाला नगर निगम के अधिकारी खुलेआम भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर हरियाणा सरकार की जीरो क्रप्शन के नारे को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। अनिल विज को अब पुलिस विभाग के बाद अम्बाला शहर के नगर निगम से निगमों में फैली भ्रष्टाचारी को मिटाने के लिए एक मुहिम चलानी होगी। हरियाणा की सवा 2 करोड़ जनता जानती है कि अनिल विज बेदाग हैं, इमानदार हैं बदलाव लाने की क्षमता है। अनिल विज की डिक्शनरी में भ्रष्टाचार व काली भेड़ों को बक्शने का कोई शब्द नहीं जो अधिकारी नगर निगम में समांतर सरकार चला रहे हैं उनके खिलाफ अनिल विज को शिकंजा कसना होगा क्योंकि अनिल विज से लोगों को बड़ी आस है। और सबसे बड़ी बात यह है कि चाहे सड़क बनाने का मामला हो या अवैध निर्माण इनमें कुछ चुनिंदा अधिकारी एकतरफा काम कर रहे हैं और निश्चित तौर पर छवि मंत्री अनिल विज की खराब हो रही है पंजाबी में गाना है ‘दे दे गेड़ा’ अब समय आ गया है कि अनिल विज अपने हैंटर का इस्तेमाल करें और निगम में भ्रष्टाचार फैला रहे अधिकारियों व बाबुओं को बाहर का रास्ता दिखाएं।