निजी में उपचार बंद, नागरिक अस्पतालों में बढ़ी नेत्र ओपीडी

आयुष्मान योजना के तहत अब निजी अस्पतालों में मोतियाबिंद का उपचार बंद हो गया है। इससे नागरिक अस्पताल में मोतियाबिंद की जांच करवाने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रोजाना 10 मरीज सरकारी अस्पताल में आ रहे हैं। ऐसे में अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने वाले चिकित्सकों पर भी काम का अधिक बोझ बढ़ गया है।

एक चिकित्सक निर्धारित संख्या में ही ऑपरेशन कर सकता है। अगर इसमें फेरबदल कर दिया गया तो मरीज के लिए संक्रमण का भी खतरा हो सकता है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास अभी तक मरीजों की परेशानी से संबंधित कोई शिकायत नहीं आई है।

जिले में नेत्र सर्जन की भी संख्या कम

जिले में कुल 12 नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। जिनमें अंबाला सिटी नागरिक अस्पताल में सात सर्जन हैं। डॉ रेनू बेरी पीएमओ का कार्यभार संभालती हैं। वहीं डॉ संगीता भगत और डॉ सुनंदा जिंदल ऑपरेशन नहीं कर सकती हैं। वहीं डॉ मनीष गर्ग छुट्टियों पर चल रहे हैं। इनमें डॉ राजेश गुप्ता और डॉ श्वेता ही आंखों के ऑपरेशन करते हैं। वहीं नागरिक अस्पताल अंबाला छावनी में भी सिर्फ तीन ही नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। जिनमें से दो ही ऑपरेशन करते हैं। इसके अलावा नारायणगढ़ अस्पताल के मरीज तो हमेशा से ही सिटी के नागरिक अस्पताल में उपचार करवाने के लिए आते हैं।

आईएमए ने भी नहीं जताई आपत्ति

आईएमए अधिकारी डॉ अशोक सारवाल ने कहा कि इस योजना से मरीजों की ही परेशानी बढ़ेगी। फिलहाल इसको लेकर आईएमए ने कोई भी कार्रवाई करने के निर्देश जारी नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान के उपचार में हमेशा से भुगतान में देरी होती है।नागरिक अस्पताल में आंखों का ऑपरेशन करवाने वाले मरीज को आयुष्मान योजना के तहत पांच हजार रुपये तक लाभ मिलता है। जिसमें लैंस भी डाला जाता है। जबकि निजी अस्पताल में 7500 रुपये तक का उपचार मिलता था।

ओपीडी भी पहले से बढ़ी

आयुष्मान के तहत उपचार बंद करवाने के आदेशों को 15 दिनों से अधिक समय बीत गया है। मगर अब इसका असर नेत्र ओपीडी पर भी दिखाई देने लग गया है। आंकड़ों के अनुसार नौ मई से लेकर 15 मई तक नेत्र विभाग की ओपीडी 125 से 130 तक हो रही थी। जो अब जून में बढ़कर 200 से अधिक हो गई है। मंगलवार को करीब 260 से अधिक मरीज अपनी नेत्र जांच करवाने के लिए अस्पताल में पहुंचे थे।

स्वास्थ्य विभाग को अभी तक मरीजों की ओर से कोई परेशानी की सूचना नहीं मिली है। नागरिक अस्पतालों में नेत्र सर्जन भी उपलब्ध हैं। जो मरीजों के ऑपरेशन कर रहे हैं।

— डॉ पवन कुमार, डिप्टी सीएमओ, आयुष्मान योजना अंबाला।