नगर निगम अम्बाला बना अधिकारीयों का ‘जेबी’ कार्यालय

नगर निगम अम्बाला बना अधिकारीयों का ‘जेबी’ कार्यालय

वीरेश शांडिल्य की कलम से खरी-खरी
हरियाणा के लोकल बॉडी मंत्री अनिल विज हैं जो गृह व स्वास्थ्य मंत्री भी हैं अनिल विज हमशा जनहित के कार्यों को लेकर आगे रहे हैं l उन्होंने जनहित मुद्दों पर कभी समझौता नहीं किया और हाल ही में उन्होंने एक एप स्वच्छ हरियाणा बनाई और उस पर आदेश दिए कि कहीं भी गंदगी होगी कोई ट्यूब बंद होगी उसकी शिकायत या फोटो एप पर डालो तीन घंटे तक जनता की वह समस्या हल हो जाएगी l हरियाणा में 1966 के बाद अनेकों लोकल बॉडी मंत्री रहे अनिल विज जैसा मंत्री शायद दूसरा नहीं देखा गया l जिसके दिल में हर वक्त पब्लिक की आवाज रहती हैं l अनिल विज अम्बाला जिला के हैं उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र को तो हरियाणा कैबिनेट की बैठक बुलाकर अम्बाला नगर निगम की हद्द से बाहर कर लिया लेकिन अम्बाला शहर के लोग नगर निगम को बने रहने पर पछता रहे हैं क्योंकि नगर निगम के छोटे-बड़े किसी भी अधिकारी को शायद अपने लोकल बॉडी मंत्री जो अम्बाला में ही बैठे हैं उनका भय नहीं हैं l
यही कारण हैं की नगर निगम को वर्षों अम्बाला में ही जमे अधिकारीयों ने नगर निगम को अपनी जागीर बना लिया और नगर निगम के कार्यालय को अपना जेबी कार्यालय बना लिया जिसकी जब इच्छा हो वो आता हैं जब जिसकी इच्छा हो लोगों का फ़ोन उठाता हैं l अर्थात नगर निगम के बारे में यह लिखना उचित हैं कि “अंधी पीस रही हैं कुत्ते चाट रहे है” l यहीं नहीं अम्बाला शहर नगर निगम के लिए यह लिखना भी अच्छा होगा कि गीत के बोल हैं “मैं चाहे ये करू मैं चाहे वो करू मेरी मर्जी” इसलिए हरियाणा के लोकल बॉडी मंत्री जो अम्बाला जिला से संबंध रखते हैं उन्हें इसपर संज्ञान लेना चाहिए और बाकी जिलों की तरह अपने ही गृह जिला के नगर निगम अम्बाला शहर पर भी औचक छापा मारी करनी चाहिए और यह छापामारी जरूरी भी हैं क्योंकि नगर निगम को यहाँ वर्षों से बैठे अधिकारियो ने एक प्राइवेट फर्म बना लिया जिसकी मर्जी आरटीआई लगवा दो जिसको मर्जी नोटिस दे दो जिसकी सडक टूटी हैं टूटी रहे गंदगी पड़ी है तो पड़ी रहे l किसी ने अवैध निर्माण करना हैं तो वह भी निगम की पैरोल पर हैं पहले आओ पहले पाओ l इसलिए अनिल विज को चाहिए कि ऐसे अधिकारीयों को चलता की जाए जो वर्षों से निगम को अपनी बपौती समझ कर सेटिंग व पैसे के दम पर व ऊँची एप्रोच व अधिकारीयों का आशीर्वाद होने के कारण यहीं जमे बैठे है इसलिए अनिल विज को अब अम्बाला शहर के नगर निगम अधिकारीयों को भी अपने हाथ दिखाने होंगे जो अपनी मंत्री को ही खाई-पी रोटी समझने लग गये हैं l