पुंडरी के डाॅ नितिन कुमार जी को पंजाब विश्वविद्यालय के 71 वें दीक्षान्त समारोह में पंजाब विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड जी की अध्यक्षता में पंजाब विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती रेनु विग के हाथों से पीएचडी की उपाधि हासिल की । डाॅ नितिन कुमार जी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बी. ए., एम. ए. हिंदी , संस्कृत ,आचार्य एवं एम. फिल. की डिग्री पहले ही प्राप्त कर चुके हैं उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि मेरे लिए सौभाग्य का विषय है कि अपने माता-पिता गुरुओं के आशीर्वाद , अपने नगर वासियों तथा इष्ट मित्रों के स्नेह के कारण मैं इस स्थान तक पहुंचा हूं । उन्होंने कर्मकांड अध्यात्म के क्षेत्र में ज्योतिष के क्षेत्र में खूब कार्य किया है और वह अपने माध्यम से अनेक अनेक संस्कृत प्रेमियों को संस्कृत भाषा का एवं विषय का ज्ञान कराते रहते हैं आचार्य जी ने बताया कि यह शैक्षणिक गतिविधियों में सबसे अंतिम डिग्री है । पी एच डी के लिए उनका काफी समय से लक्ष्य था कि वह इस उपाधि को प्राप्त करें इसके लिए उन्होंने यूजीसी नेट की परीक्षा पास की और उसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय में 2019 में उनका पंजीकरण हुआ। पंजीकरण के बाद उन्होंने होशियारपुर में स्थित विश्वेश्वरानंद विश्वा बंधु वैदिक रिसर्च इंस्टीट्यूट से डॉक्टर कृष्ण सैनी जी के निर्देशन में वाधूल ग्रह्यसूत्र पर शोध का कार्य किया ।उन्होंने बताया कि वाधुग्रह्यसूत्र जो है इसमें षोडश संस्कारों के विषय में चर्चा की गई है ।आज समाज में जो नई पीढ़ी में संस्कारों का अभाव है उसको लेकर उन्होंने काम काम किया है और साथ ही बताया कि किस काल में किस समय में इन संस्कारों को किया जाना चाहिए चाहे वह गर्भाधान संस्कार , पुंसवन संस्कार , नामकरण संस्कार ,विवाह संस्कार हो या अंत्येष्टि संस्कार यदि यह सब संस्कार समय से विधि के अनुकूल किया जाए तो आने वाली हमारी जो पीढ़ी होगी वह बहुत ही हम लोगों के लिए और समाज के लिए अनुकूल एवं योग्य होगी ।उन्होंने कहा कि हमारे समाज के बच्चे इसी तरह विद्या का अध्ययन करें और अपनी विद्या के माध्यम से अपने आने वाली पीढियां का मार्ग प्रशस्त करें । इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल श्री बनवारी लाल पुरोहित हरियाणा के राज्यपाल श्री बण्डारू दत्तात्रेय ,पंजाब विधानसभा के स्पीकर एवं शिक्षामन्त्री एवं अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।