हरियाणा एलएसए द्वारा मोबाइल टावरों से विकिरण के खराब स्वास्थ्य प्रभावों के लिए एक ईएमएफ जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया

(अम्बाला ज्योतिकण ) राजकीय बहुतकनीकी संस्थान अंबाला शहर में दूरसंचार विभाग, हरियाणा एलएसए द्वारा मोबाइल टावरों से विकिरण के खराब स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में मिथकों को दूर करने के लिए एक ईएमएफ जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स एवम कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों हेतु आजादी का अमृत महोत्सव, स्वतंत्रता की 75 वी वर्षगांठ के तहत आयोजित की गई थी । कार्यक्रम का आरंभ अदीश बिंदल, विभागाध्यक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग द्वारा सभी का स्वागत करते हुए किया गया ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवम मुख्य वक्ता श्री अमर रेलन,  निदेशक, डीओटी पंचकुला ने इस विषय पर एक पावर प्वाइंट प्रस्तुति देते हुए छात्रों को समझाया कि मोबाइल टावरों से निकलने वाले विकिरण गैर आयनकारी विकिरण हैं और उत्सर्जन का स्तर डीओटी, भारत सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से नीचे है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित स्तरों का 1/10वां हिस्सा है।

उन्होंने बताया कि टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा सेल्फ सर्टिफिकेशन के अलावा, टावरों से निकलने वाले रेडिएशन लेवल की डीओटी टीमों द्वारा रैंडम तरीके से जांच की जाती है।  अतः यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है । श्रीमती प्रतीक्षा यादव , सहायक महानिदेशक , डीओटी, ने इस अवसर पर मोबाइल टावरों से संबद्ध होने वाले  फ्रॉड्स के बारे में बताते हुए कहा कि कुछ एजेंसियां/व्यक्ति आम जनता को मोटा मासिक किराया देने का वादा करके धोखा देते हैं और उन्हें अपने खाते में सुरक्षा जमा आदि के रूप में पैसा जमा करने के लिए कहते हैं।  उन्होंने बताया कि मोबाइल टावर लगाने के लिए परिसर को किराए पर देने में डीओटी/ट्राई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं है। यदि कोई एजेंसी/व्यक्ति टावर की वास्तविक स्थापना से पहले अग्रिम या आवेदन शुल्क या किसी भी रूप में पैसे के लिए पूछ रहा है, तो जनता को अतिरिक्त सावधानी बरतने और कंपनी की साख को सत्यापित करने के लिए आगाह किया जाता है।

उन्होंने बताया की कोई भी टीएसपी या आईपी किसी भी कर के भुगतान के लिए या किसी अन्य कारण से कोई अग्रिम राशि या कोई पैसा नहीं मांगता है।  यदि किसी व्यक्ति को ऐसी कोई धोखाधड़ी अथवा गतिविधि के बारे में सूचना मिलती है, तो वह स्थानीय पुलिस अधिकारियों को घटना की रिपोर्ट कर सकता है और दूरसंचार विभाग की स्थानीय फील्ड इकाई से भी संपर्क किया जा सकता है।इस अवसर पर संस्थान के प्रधानाचार्य डा राजीव सपरा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सही है कि कोई भी विकिरण यदि निर्धारित मानकों से अधिक हो तो हमारी सेहत के लिए हानिकारक होता है । परंतु यदि इसको नियंत्रित तरीके से उपयोग में लाया जाए तो कोई नुकसान नहीं होता । उन्होंने सभी अतिथियों का धन्यवाद करते हुए  मुख्य अतिथि को स्मृतिचिन्ह भेंट किया ।कार्यक्रम में जियो डिजिटल लाइफ की तरफ से आए अमित एवम ओम ने ई एम एफ मीजरिंग टूल नारडा एस आर एम 3006 की कार्यप्रणाली के बारे में समझाया और बताया कि किस तरह इससे रेडिएशन जांचा जा सकता है । इस अवसर पर आर एल सैनी , अंजू, हितेश चावला इत्यादि उपस्थित थे ।

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