इंडियन आर्मी को सैल्यूट: वतन से मोहब्बत की यह मिसाल सचमुच बेजोड़ है

इंडियन आर्मी को सैल्यूट: वतन से मोहब्बत की यह मिसाल सचमुच बेजोड़ है

(अम्बाला ज्योतिकण )  एक तरफ वतन की रखवाली का जिम्मा, तो दूसरी ओर नौजवान पीढ़ी को नरक में जाने से रोकने की पहल। यह सिर्फ इंडियन आर्मी ही कर सकती है। भारतीय सेना की चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने गुरुवार को कहा कि पिछले एक साल में 250 से अधिक ऐसे युवाओं को सामान्य जिंदगी में वापस लाया गया है, जो या तो आतंकवाद में शामिल होने वाले थे या शामिल हो चुके थे। उन्होंने कहा कि उनके 15वीं कोर के कमांडर का पद संभालने के बाद से कश्मीर में सेना की ओर से हिंसा की कड़ी को तोडऩे के सिद्धांत को अपनाया जाने लगा है।उन्होंने पत्रकारों से कहा कि एक तरफ से हम आतंकवादियों को ढेर कर रहे हैं और दूसरी तरफ हम चाहते हैं कि घाटी में हथियार उठाने वाले युवाओं की संख्या में कमी आए। मुझे लगता है कि हमने दोनों ही स्तरों पर बेहतर काम किया है। मध्य प्रदेश में आर्मी वार कॉलेज के कमांडेंट नियुक्त किए गए लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा कि कश्मीर में पिछले एक साल में काफी गहरा बदलाव देखा गया है,

क्योंकि यहां की पुलिस को अब आतंकवादियों के बारे में खुफिया जानकारियां अधिक मिलने लगी हैं। उन्होंने कहा कि सूचनाओं का आदान-प्रदान हो रहा है।अब जम्मू-कश्मीर की पुलिस को तकनीकी सूचनाओं के बजाय इंसानों से खुफिया जानकारियां अधिक मिलने लगी हैं क्योंकि लोग नहीं चाह रहे हैं कि आतंकवादी उनके घर को अपना ठिकाना बनाकर वहीं छिपने लगे। लोग नहीं चाहते हैं कि उन्हें खुलेआम आतंकवादियों का समर्थक कहा जाए।कई ऐसी भी जगहें हैं, जहां आतंकवादियों के समर्थकों को अलग-थलग कर दिया जा रहा है। इस तरह के कई बदलाव आज हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में 250 युवाओं को आतंकवाद के रास्ते से हटाकर आम जिंदगी में वापस लाना उनकी एक अहम उपलब्द

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