महाकाली मा दुःखभंजनी मंदिर में सरस्वती सरोवर ट्रस्ट द्वारा शारदीय नवरात्र की नवमी पर स्वर्गीय पंडित विष्णु दत्त जी महंत की स्मृति में मूर्ति अनावरण तथा विशाल सुंदरकांड का पाठ किया गया
अम्बाला(ज्योतिकण) इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज विशेष तौर पर पहुंचे स्वामी ज्ञानानंद जी ने बताया कि पंडित विष्णु दत्त जी सनातन परंपरा के एक आदर्श अनुगामी थे और अंबाला ही नहीं अंबाला से बाहर विभिन्न स्थानों पर सेवा ,संस्कार ,यज्ञ सनातन परंपराओं का प्रचार प्रसार करते रहे स्वामी जी ने विष्णु दत्त जी द्वारा किए गए मंदिर निर्माण तथा अन्य सामाजिक कार्यों की सराहना की , पूज्य ज्ञानानंद जी ने बताया कि सभी व्यक्तियों का शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है फर्क सिर्फ भाव चेतना का है जिसके जैसे भाव होंगे वह वैसा कार्य करेगा ।महाराज जी ने बताया कि भारतीय सनातन परंपराएं पूरी तरह वैज्ञानिक और सार्वभौमिक है हमें अपनी परंपराओं को संजो कर रखना चाहिए , सभी को अपने पूर्वजों के शुभ कार्यों की स्मृति अवश्य होनी चाहिए उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
सुंदर कांड पर स्वामी जी ने बताया कि यह हमें निराशा से आशा की ओर ले जाने वाला पाठ है। इस अवसर पर सुदर्शन परिवार से कुसुमलता जी भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रही। इस अवसर पर विश्व शांति सेवा संगठन द्वारा एक मेडिकल कैंप भी लगाया गया जिसमें आंखों ,दांतो तथा सामान्य चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की गई और सिविल हॉस्पिटल की टीम द्वारा वैक्सीनेशन का कार्य भी किया गया इस अवसर पर केपीके महाविद्यालय तथा एमडीएसडी गर्ल्स कॉलेज की छात्राओं ने विशेष प्रस्तुतियां दी अंत में पंडित पंकज जी ने सभी का धन्यवाद किया तथा आए हुए सभी विशिष्ट अतिथियों को सम्मानित किया तथा मूर्ति अनावरण तथा सुंदरकांड के पाठ के पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।