हरियाणा के सबसे लंबे समय तक CM रहे चौ. भजन लाल की जयंती पर जाने उनके बारे रोचक तथ्य

चौ.भजनलाल जी के जन्मदिन पर विशेष

अम्बाला(ज्योतिकण न्यूज) पंचकूला को जिला बनाने ,माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड, शिवालिक विकास बोर्ड की स्थापना करने का श्रेय हिंदुस्तान की राजनीति के कोहिनूर 36 बिरादरी के मसीहा व सब को साथ लेकर चलने वाले सबसे लंबे समय तक प्रदेश की सेवा करने वाले व दिलों पर राज करने वाले मानव रत्न आदरणीय जननायक स्वर्गीय चौधरी भजन लाल जी के जन्म दिवस के अवसर पर 6 अक्तूबर को (आदमपुर) जन प्रेरणा स्थल (समाधि स्थल) पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया जायेगा ।
हरियाणा के अधिकांश सरकारी दफ्तरों की स्थापना पंचकूला खोले क्योंकि आवश्यकता पडऩे पर पंचकूला को हरियाणा की राजधानी बनाया जा सके। उनके व्यक्तित्व और राजनीतिक पकड़ की वजह से आज देश प्रदेश में उनको याद किया जा रहा है प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व भर में पर्यावरण दिवस मनाया जाता है भारत में प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने रखी थी पर्यावरण मंत्रालय की नींव ईसका पहला उत्तरदायित्व सोपां था प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सब से विश्वसनीय साथी (मानव रत्न) स्वर्गीय चोधरी भजनलाल को ओर साथ मैं कृषि,वन मन्त्रालय,भी थे उनके पास
1970 में जब चौ. भजनलाल कृषि मंत्री बने तो इस दौरान वे लुधियाना के कृषि विश्वविद्यालय में एक बैठक में भाग लेने के लिए गए और वहीं उन्होंने निश्चय कर लिया कि हरियाणा में भी ऐसा ही कृषि विश्वविद्यालय स्थापित किए जाने की मांग करेंगे और इस मांग पर फूल चढ़ाते हुए चौधरी चरण सिंह के नाम से हिसार में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की गई जो आज पूरे एशिया में ख्याति प्राप्त है।
बर्फ का हिमनद इरादे छोड़कर पिघलता रहा, आंधियां चलती रही, लेकिन भजन लाल नामक दीपक जलता रहा
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारतीय राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले मानव रत्न पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय चौ. भजनलाल जी के इतिहास पर अगर प्रकाश डालना शुरू करे तो कई किताबें भर जायेगी कोड़ावाली ग्राम से गुरू जांभो जी के भक्त रेहड़ाराम की 16वीं पीढ़ी में 445 वर्ष बाद खैराज जी के घर 6 अक्तूबर, 1930 विक्रमी सम्ववत 1987 को भजनलाल जी का जन्म हुआ। कृषक खैराज ने भजन लाल को गांव कोड़ावाली के प्राथमिक स्कूल से 5वींकी परीक्षा पास करवाई।
अगस्त, 1947 को जब भारत का विभाजन हुआ तो खैराज जी अपने हरे-भरे खेत खलिहान वदुधारू पशुओं को छोड़कर वर्तमान फतेहाबाद जिले के गांव मोहम्मदपुर रोही में आकर बस गए। विभाजन की त्रासदी झेलते पिताजी ने युवावस्था में माता-पिता की आज्ञा से व्यापार करने का मन बनाया और आदमपुर को अपना कर्मक्षेत्र चुनकर यहां कपड़े का व्यापारआरंभ किया।
भजन लाल की विनम्र मुस्कानयुक्त कार्यशैली और उनका संपूर्ण संघर्षमयी जीवन किसी परिचय का मोहताज नहीं है। ग्राम पंच, खंडसमितिके अध्यक्ष से विधायक, मंत्री, सांसद, केन्द्रीय मंत्री एवं मुख्यमंत्री के गरिमापूर्ण पद पर रहते हुए वे आम आदमी से सीधे रूप सेजुड़े रहनेकी विलक्षण भावना से भरे हुए थे।
अपने द्वार पर आए हर व्यक्ति की समस्या का समाधान उन्होंने अपनी संपूर्ण क्षमता सेकिया। राष्ट्र केअन्य राजनीतिज्ञ व्यक्तियों से उनका अलग मानवीय पहलू यह भी था कि
उनके द्वार से कोई व्यक्ति यथा समय जलपानव भोजन किएबिना जानें नहीं दिया गया। उनके घर के द्वार 24 घंटे जनसाधारण की समस्याओं के निराकरण के लिए सदैव खुले रहत
फरवरी 2005 को हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में चौ. भजनलाल ने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर 86,963 मतों से जीत हासिल करके नया कीर्तिमान स्थापित किया।सबसे पहले28 जून, 1979 को वे पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने तथा दूसरी बार 23 मई, 1982 से लेकर 5 जून, 1986 तक उन्होंने हरियाणाकी बागडौर संभाली। तीसरी बार 24 जून, 1991 से लेकर 8 मई, 1996 तक वे मुख्यमंत्री रहे। करनाल और फरीदाबाद लोकसभा से भी सांसद रहे।
एसवाईएल के निर्माण का मामला हो या फिर प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ को पंजाब को सौंपने काफैसला प्रदेश के हितोंसे जुड़े अहम मसले पर चौ. भजनलाल ने हरियाणा की वकालत पूरे दमदार तरीके से की। प्रदेश की प्यासी जनताकी समस्या को दूरकरने के लिए 9 अप्रैल, 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से कपूरी गांव में कस्सी चलवाकर SYL कीखुदाई का कार्य शुरूकरवाना उनकी दूरदर्शिता थी। एसवाईएल के निर्माण का 98 प्रतिशत कार्य अपने कार्यकाल में पूरा करवाकर तथाअदालतों में दमदारतरीके से हरियाणा की पैरवी कर उन्होंने इस मसले पर पूरी संजीदगी दिखाई।चौ. भजनलाल ने सत्ता में रहते प्रदेश की 36 बिरादरी के लिए एक समान विकास कार्य करवाए तथा राज्य के हर क्षेत्र काचहुंमुखीविकास करवाया। चाहे एसवाईएल के निर्माण का मामला हो या फिर प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ को पंजाब को सौंपने काविरोध करनाहो, हर एक अंतरराज्यीय मसले पभजनलाल ने हरियाणा प्रदेश की वकालत पूरे दमदार तरीके से की। मानेसर मेंटेक्नीकल हब वऔद्योगिक नगरी बन चुके गुडग़ांव का ब्लू प्रिंट तैयार करवाना, एक परिवार को एक रोजगार
10,000 रुपए तक प्रति एकड़ व ट्यूबवैल के लिए 50 हजार रुपए का मुआवजा तुरंत प्रदान करके और बाढ़ पीडि़तों की मदद कोजुटेरहकर उन्होंने राष्ट्रीय स्तर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
इसके अलावा चौ. भजनलाल ने अपने कार्यकाल में न केवल समाज की 36 बिरादरी के कल्याण के लिए अहम फैसले लिए बल्कि लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने के लिए बड़े पैमाने पर आधारभूत ढांचेकाविस्तार करवाया। तीन बार मुख्यमंत्री रहे चौ. भजनलाल ने अपने कार्यकाल में ऐसे अनेक जन-कल्याणकारी कदम उठाए जोकालांतर मेंमील का पत्थर साबित हुए। जिनमें प्रदेश के पिछड़े वर्गों का आरक्षण 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करवाना, मेवातडेवलपमेंटबोर्ड का गठन करवाना तथा मेवात में आईआईटी इंस्टीट्यूट की स्थापना का प्रावधान करना, रोहतक में पंडित भगवत दयाल शर्मा मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड करना व पंजाबी भाषा को हरियाणा में दूसरी भाषा का दर्जा दिलाने समेत अनेक ऐसे कार्य हैं, जिन सभी कायहां जिक्र करना संभव नहीं है।
भजन लाल की पहचान नम्र स्वभाव के राजनेता के रूप में की जाती रही, मगर वक्त पडऩे पर वे सख्त प्रशासक भी थे। जब 1982 मेंप्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एशियाड-82 भारत में करवाने के लिए सभी प्रदेशों के सामने प्रस्ताव रखा तो उस समय पंजाब केहालातनाजुक थे।
आतंकवादियों ने इंदिरा गांधी को धमकी दी थी कि दिल्ली में एशियाड-82 किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे।हरियाणा केरास्ते से ही पंजाब का प्रवेश दिल्ली में होता है। उस समय इंदिरा गांधी ने चौ. भजनलाल को बुलाकर इस समस्या का समाधान पूछा तोपिता जी ने उनको भरोसा दिलाया कि आप चिंता न कीजिए आतंकवादियों का दिल्ली में घुसना तो दूर की बात है ऐसी व्यवस्था कर दूंगाकि आपकी आज्ञा के बिना कोई परिंदा भी पर नहीं मारेगा और भजनलाल ने ऐसा कर दिखाया।
× Chat with Us!