कोरोना की तीसरी लहर में लोग ना मरे यह केंद्र व राज्य सरकारों की सबसे बड़ी जीत होगी
वीरेश शांडिल्य की कलम से खरी-खरी
कोविड-19 की पहली लहर मार्च 2020 में आई और दुसरी लहर जो खतरनाक थी जो मई 2021 में आई थी फिर देश को लॉकडाऊन करना पड़ा और सबसे अहम बात यह है कि कोरोना की जो पहली लहर थी उसमें तो देश की 132 करोड़ जनता भयभीत हो गई थी घर में बैठ गई थी जीवन रुक गया था। यहां तक मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, गिरीजाघर सब बंद हो गए थे। यहां तक शादियां रद्द हो गई थी और जो लोग शादियों पर करोड़ों खर्चना चाहते थे या तो उन्होंने शादियां रद्द कर दी या 5 लोग जाकर बहु घर ले आए। लोग यह सोचने पर मजबू हो गए कि क्या देश फिर पहले की तरह चलेगा। पुरानी नेचर वापिस आ गई, कुदरत धरती पर उतर आया। पहली लहर में जब देश बंद था तो जंगल के जानवर शहरों में आ गए। अपने आप को जानवर शहरों में आकर सुरक्षित महसूस करने लगा और इंसान डर के मारे घर में दुबक गया। हालांकि केंद्र व राज्य सरकारों ने कोरोना की पहली लहर को संभाला और भारत के प्रधानमंत्री की मेहनत रंग लाई और कोरोना वैक्सीन बनी। लोगों को मोटिवेट करने के लिए सबसे पहले भारत के प्रधानमंत्री ने कोरोना वैक्सीन लगवाई हालांकि कोरोना वैक्सीन को लेकर दुष्प्रचार होते रहे और इसी बीच मई 2021 में कोरोना की दुसरी लहर आई।
जिसने मौत का तांडव कर दिया, ऑक्सीजन नाम की चीज ढूंढे नहीं मिली, जीवन रक्षक दवाईयां लुप्त हो गई या ब्लैक मार्किटिए राक्षकों ने कोरोना रक्षक दवाईयां जमकर ब्लैक की। और अनगणित लोग कोरोना की बलि चढ़ गए। हालांकि अभी धीरे धीरे लॉकडाऊन हट रहा है। अभी 5 जुलाई 2021 तक लॉकडाऊन है और अब तीसरी लहर डैल्टा वायरस की है हालांकि सरकार दावा कर रही है कि तीसरी लहर को निपटने के तमाम उपाय व तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। लेकिन कुदरत के आगे सब धराशाही हो जाता है। लेकिन तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है यदि केंद्र व राज्य सरकारों ने कोरोना की तीसरी लहर से लोगों को मरने ना दिया तो यह भारत की विश्व में सबसे बड़ी जीत होगी। और यदि तीसरी लहर में लोग मरते हैं या आॅक्सीजन की, दवाईयों की, आॅक्सीजन बैडों की कोई कमी आती है तो शायद इससे बड़ी विड़म्बना भारत के लिए कोई हो नहीं सकती। और साथ ही आम जनता को भी चिंतन करने की जरूरत है कि सरकार को कोसने की बजाए जनता को भी जागृत होना होगा। जनता को अपनी जिम्मेवारियों को समझना होगा और यह सोचना होगा कि जान है तो जहान है, परिवार है तो खुशी है, जान है तो समाज है इसलिए जनता जब तक सरकार अधिकारिक तौर पर यह दावा नहीं करती कि कोरोना खत्म हो गया है तब तक घर में बैठकर बुरा वक्त निकालने का काम करें। इसमें हम सबका फायदा है और सरकार पर दबाव भी कम पड़ेगा। तीसरी लहर को डिमोलिश करने के लिए जनता चुटकी ना बजाए बल्कि सरकार के साथ मिलकर ताली बजाए।