हरियाणा सरकार क्यों करती है रजिस्ट्रीयों पर बैन , क्यों किया जाता है आए दिन लोगों को परेशान | JYOTIKAN.COM

हरियाणा सरकार क्यों करती है रजिस्ट्रीयों पर बैन , क्यों किया जाता है आए दिन लोगों को परेशान | JYOTIKAN.COM

अम्बाला (ज्योतिकण न्यूज़) हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार ने रजिस्ट्रीयां 7ए के नाम पर क्यों बंद की हुई हैं? क्यों 7ए के नाम पर लोगों को परेशान किया जा रहा है? कोई गरीब आदमी है जिसने 100 गज का, 200 गज का, 300 गज का प्लाट लेकर रखा हुआ है और वह 7ए की हद में है और वह प्लाट बेचकर अपनी बेटी की शादी करना चाहता है लेकिन 7ए लागू होने के कारण अब उस प्लाट की रजिस्ट्री नहीं हो सकती जिससे गरीब आदमी प्रताड़ित हो रहा है। वैसे तो गरीब आदमी हमेशा ही प्रताड़ित होता है चाहे पीले कार्ड के नाम पर, चाहे बीमारी के नाम पर, चाहे हस्पताल के इलाज के नाम पर, चाहे राशन डिपो पर हर जगह गरीब आदमी का शोषण होता है। आखिर हरियाणा सरकार की मंशा क्या है और बड़ी बात तो यह है कि जब जरूरत होती है बड़े आदमी सिफारशी आदमी 7ए लागू होने के बाद भी रजिस्ट्री करवा लेते हैं अगर पीस रहा है तो गरीब आदमी पीस रहा है।

और सबसे अहम बात यह है बड़ा आदमी कभी वोट देने की लाईन में नहीं लगता ये गरीब आदमी ही वोट देता है जिसे सरकार प्रताड़ित कर रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हमेशा जनहित में विश्वास करते हैं वह हरियाणा से 7ए हटवाएं इससे निश्चित तौर पर तहसीलों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और 7ए हटाने से सरकार को राजस्व भी मिलेगा। हां सरकार 7ए की हद में आने वाले प्लाटों की  रजिस्ट्रीयां करने को लेकर मापदंड निर्धारित कर दे और 7ए में पड़ने वाले प्लाटों की डिवैल्पमैंट चार्जिस का प्रावधान बना दे इससे गरीब आदमी परेशान भी नहीं होगा और जो अवैध कालोनियां है वह वैध हो जाएंगी। सरकार को रजिस्ट्री फीस भी मिलेगी और डिवैल्पमैंट चार्जिस भी मिलेंगे। अभी तो रजिस्ट्रीयों पर बैन कर एक विशेष भूमाफिया को फायदा मिल रहा है। तहसील में तहसीलदारों की मर्जी है 7ए हो या ना हो अगर उनको फीस पहुंच गई तो रजिस्ट्री हो जाएगी। गुरुग्राम में इस तरह का स्कैंडल हो चुका है, एफआईआर तक दर्ज हो चुकी है।

कई तहसीलदार सस्पैंड रहे। आखिर सरकार बिचौलियों से मुक्ति क्यों नहीं दिलवाती। आॅनलाईन रजिस्ट्री के नियम निर्धारित कर दे, डिवैल्पमैंट चार्जिस के नियम बना दे, बिचौलियों का राज खत्म हो जाएगा और सरकार को राजस्व मिलना शुरू हो जाएगा। यदि मुख्यमंत्री मनोहर लाल 7ए जैसे फार्मूले लागू कर रहे हैं तो इस बात में उनकी छवि खराब हो रही है। समय रहते सीएम खट्टर को रजिस्ट्री मामले को लेकर भी शीशे जैसे नियम बना देने चाहिए। चाहे आम आदमी हो या खास जब तक वह नियम पूरे नहीं करेगा तब तक रजिस्ट्री नहीं होगी। ऐसे नियमों के बाद हरियाणा की किसी भी तहसील में भ्रष्टाचार बंद हो जाएगा। बस सरकार को पहल करने की जरूरत है जो लम्बे समय 7ए लगी हुई है इससे हरियाणा में किसी मंत्री या डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जिनके पास राजस्व मंत्रालय है उनकी छवि खराब नहीं हो रही बल्कि छवि खराब हो रही है हरियाणा के सीएम की। क्योंकि सबको पता है कि बड़े फैसले सीएम लेते हैं। मंत्रियों या उपमुख्यमंत्री को तो ट्रांसफर करने का भी एक सीमित समय तक अधिकार है उसके बाद ट्रांसफर भी सीएमओ करता है। इसलिए मुख्यमंत्री तुरंत आम आदमियों की मजबूरी देखते हुए 7ए को हटाने के आदेश दें।

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