अम्बाला (ज्योतिकण न्यूज)
पीएमओ सुखबीर सिंह ने कहा ट्रॉमा सैंटर में 45 ऑक्सीजन बैड खाली पड़े हैं, सिटी सिविल हस्पताल की ओपीडी में ताला, फिजियोथैरेपी, डैंटल, इएनटी, स्त्री रोग व इको करवाने वाले मरीज हो रहे हैं भारी परेशान
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज दिन रात मेहनत करते हैं, सेहत की परवाह ना करते हुए हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग को एक नंबर पर ले जाने के लिए हर वक्त कुछ ना कुछ सोचते रहते हैं और कोई व्यक्ति इलाज के अभाव से ना मरे इसको लेकर हर वक्त स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों पर शिकंजा कस कर रखते हैं।
लेकिन इन दिनों अम्बाला शहर के ओपीडी विंग के कारण ना केवल अनिल विज के स्वास्थ्य मंत्रालय की बदनामी हो रही है क्योंकि ओपीडी विंग कोरोना की दूसरी लहर के चलते बंद कर दिया गया था लेकिन अब सरकार ने सब कुछ खोल दिया है उसके बावजूद भी ओपीडी विंग सीएमओ व पीएमओ ने खोलने की जरूरत नहीं समझी जिससे शहर सिविल हस्पताल में आने वाले मरीजों को ना केवल परेशानी झेलनी पड़ रही है बल्कि हस्पताल प्रशासन की मनमर्जी को लेकर भारी रोष है। सिविल हस्पताल की ओपीडी विंग में इएनटी, डीइआईसी, इको रुम, डैंटल, स्त्री रोग व फिजियोथैरेपी विभाग हैं जहां तमाम तरह की सुविधाएं थी लेकिन हस्पताल प्रशासन ने सरकार द्वारा सब कुछ खोले जाने के बाद भी इस ओपीडी के कमरों को संबंधित डॉक्टरों को नहीं सौंपा जिसके कारण लोग परेशान हो रहे हैं।
दूर दराज से बुढ़े, बुजुर्ग, बच्चे आ रहे हैं जिन्हें भारी दिक्कते झेलनी पड़ रही हैं। ओपीडी विंग में डैंटल व फिजियोथैरेपी की मशीने व चेयर वहीं पड़े हैं और इन डॉक्टरों को कोरोना की दूसरी महामारी के चलते इधर उधर कमरे दे दिए थे जिससे परोपर इलाज मरीजों को नहीं मिल पा रहा। फिजियोथैरेपी को लेकर लोग बहुत परेशान हैं।
आज इस बारे अम्बाला के पीएमओ सुखबीर सिंह से बात हुई उन्होंने कहा कि ट्रॉमा सैंटर में 45 आॅक्सीजन बैड कोरोना मरीजों के लिए है लेकिन अभी एक भी मरीज कोरोना का नहीं है बैड खाली पड़े हैं। फिर उसके बावजूद भी अम्बाला शहर सिविल हस्पताल प्रधासन ने अम्बाला शहर की ओपीडी विंग को ताला क्यों लगाया हुआ है।
आज ज्योतिकण की टीम ने ओपीडी विंग की ताजा फोटो कैमरे में कैद की और स्पष्ट तौर पर नजर आ रहा है कि ओपीडी विंग बंद है और मरीज बीमारी और तकलीफों से ग्रस्त हैं और अम्बाला सिविल हस्पताल प्रशासन को अपने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कोई भय नहीं जबकि सिविल हस्पताल प्रशासन को बड़ी अच्छी तरह पता है कि अनिल विज की डिक्शनरी में गलती की कोई माफी नहीं। आखिर यह मनमर्जी सिविल हस्पताल प्रशासन किसकी शह पर कर रहा है। अनिल विज के जिला में मरीजों के साथ इतना बड़ा अन्याय कितने दिनों से दांतों के, हार्ट के, जोड़ों की तकलीफों के मरीज परेशान हैं लेकिन सिविल हस्पताल प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगती। डॉक्टर अगर कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे हैं तो उन्हें सरकार की तरफ तमाम तरह की सुरक्षा उपलब्ध है, मुआवजा उपलब्ध है, पे मिल रही है। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को कोरोना महामारी के नाम पर मरीजों को परेशान करने वाले हस्पताल प्रशासन को आड़े हाथों लेना चाहिए।