अम्बाला शहर के कई पार्टियों के पार्षद जनचेतना पार्टी के विनोद शर्मा के संपर्क में !

अम्बाला शहर के कई पार्टियों के पार्षद जनचेतना पार्टी के विनोद शर्मा के संपर्क में !

अम्बाला (ज्योतिकण न्यूज) : हरियाणा जनचेतना पार्टी (वी) के सुप्रीमो विनोद शर्मा ने भले ही 2014 में जीत हासिल नहीं की और किन्ही कारणा से 2019 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाए लेकिन नगर निगम चुनाव में उनकी पार्टी के चुनाव निशान सिलैंडर ने धूम मचा दी। ना केवल उनकी धर्मपत्नी अब अम्बाला शहर की पहली महिला मेयर बन गई बल्कि अम्बाला शहर की पहली महिला भी बन गई। यही नहीं विनोद शर्मा की पार्टी ने 7 पार्षद भी जीतकर सिलैंडर का परचम लहरा दिया है। विनोद शर्मा की मेहनत रंग लाई और 2014 की हार और 2019 में चुनाव ना लड़कर एक ही बोल से कई विकट गिराने का काम पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा ने कर दिया। विनोद शर्मा राजनीतिक में पीएचडी भी हैं व राजनीतिक चाणक्य भी हैं और उनके नगर निगम चुनाव में काम करने के तरीकों से आए नतीजों ने सबको चौंका दिया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कई पार्टियों के पार्षद जिनता तालुकात विनोद शर्मा की पार्टी से नहीं है वह पार्षद विनोद शर्मा के संपर्क में है और विनोद शर्मा कभी भी बड़ा धमाका कर सकते हैं।
एक पार्षद तो अम्बाला शहर का बड़ा चेहरा है तो दूसरा पार्षद उस पार्टी का जिसका जन्म अभी कुछ समय पहले हुआ। राजनीति में सबकुछ मुमकिन है, राजनीति में कब कौन अपना बन जाता है, कब कौन दुश्मन बन जाता है कुछ पता नहीं। लेकिन इसी दौरान बड़ी खबर यह भी सामने आई कि भाजपा के किसी पार्षद को विनोद शर्मा अपने खेमे में या अंदर खाते जोड़ने में कामयाब नहीं हुए क्योंकि तकरीबन सभी पार्षद समाज में अपना रूतबा रखते हैं और विधायक असीम गोयल का उन्हें पूर्ण रूप से आशीर्वाद प्राप्त है और कहीं ना कहीं पार्षदों को पता है कि भले ही निगम में मेयर भाजपा का नहीं है लेकिन वह पार्षद तो भाजपा सरकार के हैं क्योंकि भाजपा के तमाम उम्मीदवार कमल के निशान पर लड़े हैं। ऐसे में भाजपा पार्षदों को अंदर खाते में अपने साथ जोड़ना आसान बात नहीं है। लेकिन राजनीति है यहां साम, दाम, दंड, भेद की नीति लागू होती है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि विनोद शर्मा ने भाजपा के 2 पार्षदों से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई। 
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