प्रजा के सुख में राजा का सुख
संपादकीय : सरकारें तो 1947 के बाद आई और चली गई। ईस्ट इंडिया कंपनी आई चली गई, मुगल आए, चले गए, औरंगजेब जैसे क्रूर शासक आए, चले गए, बड़े-बड़े राजे महाराजे आए, चले गए। भगवान राम भी आए वो भी चले गए। इसलिए कहा जाता है राम गयो रावण गयो जाको बहु परिवार, कहो नानका फिर कुछ नाहीं सपने जियो संसार। लेकिन इन लोगों के अच्छे बुरे कर्म इतिहास का हिस्सा बने, आज भी बहुत से ऐसे शासक आए जिन्हें दुत्तकारा जाता है, गाली दी जाती है, नाम लेते ही अपशब्द निकलते हैं लेकिन उन्हीं में भगवान राम के राज के समय का जिक्र आता है तो वो बात आते ही लोग भावुक हो जाते हैं कि वैसा राज कौन कर लेगा, कौन दे देगा। आज भी मोदी जैसा प्रधानमंत्री अपने भाषणों में कहते हैं कि हम रामराज लाएंगे इसका मतलब रामराज से ज्यादा सुखद राज कोई नहीं हो सकता। भगवान राम जैसा परिवार, भगवान राम जैसे भाई, माता सीता जैसी पत्नी भगवान सबको दे। भगवान राम का राज ऐसा था कि जहां यह कहा जाता था कि प्रजा सुखी तो राजा सुखी। उस राज का क्या फायदा जहां प्रजा सुखी ना हो, जहां प्रजा संतुष्ट ना हो, जहां हाहाकार मच रही हो। केंद्र सरकार को गंभीर चिंतन करना होगा जो देश में किसानों का आंदोलन चल रहा है उसको बांटा ना जाए उसको यह कहकर बदनाम ना किया जाए कि यह किसान तो सीएम पंजाब के इशारे पर प्रदर्शन करने आए हैं। क्या भारत के प्रधानमंत्री उन राज्यों के नहीं हैं जहां कांग्रेस सरकारें हैं या गैर भाजपाई सरकारें हैं। प्रधानमंत्री की शपथ लेने से पहले मोदी भाजपा के सांसद थे लेकिन प्रधानमंत्री बनते ही देश की 132 करोड़ जनता के प्रधानमंत्री हैं और देश की 132 करोड़ जनता उनकी प्रजा है इसलिए मोदी को अपनी दुखी प्रजा जो सर्दी में अपने हकों के लिए सड़कों पर है और उसमें बच्चे, बुढ़े, जवान सभी उम्र के जवान हैं और वह मोदी द्वारा किसानों को लेकर बनाए अध्यादेशों को लेकर सड़कों पर उतरे ऐसे में मोदी जो देश के राजा हैं अपनी प्रजा को हर हालत में संतुष्ट करें। अन्यथा मोदी जैसा ईमानदार प्रधानमंत्री इतिहास में बदनाम हो जाएगा, देश की युवा पीढ़ी की सोच इतिहास में मोदी के प्रति जहर होगी। कोई यह नहीं लिखेगा कि मोदी ने सरदार पटेल की सबसे बड़ी प्रतिमा बनाई, कोई यह नहीं कहेगा कि मोदी के नेतृत्व में 370 खत्म हुई, कोई यह नहीं कहेगा कि मोदी के नेतृत्व में ट्रिप्पल तलाक खत्म हुआ, कोई यह नहीं कहेगा कि मोदी ने आर्थिक तंगी को झेलना ठीक समझा लेकिन कोरोना से लोगों को बचाने के लिए हर काम किया। बल्कि यह लिखा जाएगा कि इस देश में सर छोटूराम, चौ. चरण सिंह व देवीलाल किसानों के हितैशी थे और नरेंद्र मोदी किसानों का विरोधी था यह लिखा जाएगा इसलिए मोदी किसानों को अपनी प्रजा का हिस्सा मानते हुए उनकी रजा में राजी होना चाहिए।