अनिल विज के साथ गुरुघर में हुए दुर्व्यवहार पर अकाल तख्त व SGPC को करनी चाहिए शरारती तत्वों पर कार्रवाई

गुरु नानक देव के जन्मदिवस पर शीश नवाने गए अनिल विज के साथ गुरु घर में हुए दुर्व्यवहार पर अकाल तख्त व एसजीपीसी को करनी चाहिए शरारती तत्वों पर कार्रवाई

अम्बाला (ज्योतिकण न्यूज) :  घर तो अगर दुश्मन भी आ जाए उसे भी भगवान का रूप मानकर सम्मान किया जाता है लेकिन कल तो पंजोखरा साहिब गुरुद्वारा में शरारती तत्वों ने पहली पातशाही गुरु नानक देव जी के 551वें प्रगटोत्सव पर हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य एवं स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज का अपमान किया जो अनिल विज गुरु नानक देव जी के प्रगटोत्सव पर शीश नवाने आए थे। उन्हें काले झंडे दिखाकर शरारती तत्वों ने विपक्षी राजनेताओं के इशारे पर गुरु घर में व गुरु परिसर में अनिल विज को काले झंडे दिखाए। पहली पातशाही ने कहीं ऐसा संदेश नहीं दिया और गुरु घर में तो कोई भी आए वहां किसी का अनादर नहीं हो सकता लेकिन कुछ शरारती तत्वों ने ऐसा कर गुरु पर्व वाले दिन धार्मिक मर्यादाओं को तार तार किया व गुरुओं की सोच का अपमान किया। पहली पातशाही ने संदेश दिया था ‘नाम जपा, कीरत करो, वंड छको’।
पहली पातशाही ने किसी को भी गुरु घर में आए व्यक्ति का अपमान करने का संदेश नहीं दिया ना ही गुरु गुरु ग्रंथ साहिब इस तरह का संदेश देता है। सिर्फ राजनीतिक पार्टियों के इशारे पर अनिल विज के खिलाफ यह साजिश रची लगती है। क्या शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व श्री अकाल तख्त को शरारती तत्वों की शनाख्त कर उन्हें सजा नहीं देनी चाहिए। यह तो गीत लिखने वाले ने भी महेमान के लिए सुंदर लाईने लिखी ‘महेमान जो हमारा होता है भगवान से प्यारा होता है’ श्री अकाल तख्त को इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिए। इतने पवित्र दिन पर गुरु घर में प्रदेश के गृह मंत्री के साथ इतनी बड़ी साजिश किसने की, किसके इशारे पर की, क्यों की और गुनाहगार को सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए क्योंकि पहली पातशाही के 551वें प्रगटोत्सव पर इस तरह की साजिश से देश व विश्व में अच्छा संदेश नहीं गया और गुरु घरों का अपमान करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। किसी ने अनिल विज को झंडे दिखाने थे तो वह अनिल विज के घर जा सकते थे उन्हें रास्ते में रोक सकते थे, उनके सरकारी कार्यालय के बाहर उनका विरोध कर सकते थे। जो अनिल विज स्वयं गुरु घर में शीश नवाने आए उनका अपमान कर शरारती तत्वों ने हिंदु सिख भाईचारे को खंडित करने की साजिश रची। ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। 
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